'आंदोलन को 200 दिन हो रहे हैं इसलिए...', किसान नेता के घर NIA की रेड पर बोले सरवन सिंह पंढेर
Shambhu Border: शंभू और खनौरी सीमा पर किसान आंदोलन 200 दिन पूरा कर रहा है. इस अवसर पर बड़ी संख्या में किसानों के सीमा पर पहुंचने की संभावना है. अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा.

Farmers Protest on Shambhu Border: पंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर किसानों आंदोलन को 200 दिन पूरे होने जा रहे हैं. इस अवसर पर बॉर्डर पर किसानों ने कार्यक्रम का आयोजन किया है जिसमें दावा किया गया है कि लाखों किसान यहां जुटेंगे. बताया जा रहा है कि रेस्लर विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) भी खनौरी सीमा पर पहुंचेंगी और उनका यहां किसान सम्मान करेंगे. वहीं, एक किसान नेता के घर पर NIA की छापेमारी की घटना पर सरवन सिंह पंढेर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "मैं शंभू मोर्चा के मंच से बोल रहा हूं. 200 दिन पूरे होने पर सभी तैयारियां चल रही हैं. लाखों किसान यहां और खनौरी व अन्य बॉर्डर पर जुटेंगे. हमें विनेश फोगाट का संदेश मिला है, वह भी यहां पहुंचेंगी, हम उनका सम्मान करेंगे.आज हम केंद्र सरकार से मांग करेंगे कि यह रास्ता खोला जाए और हमें दिल्ली जाने दिया जाए, जहां हम शांतिपूर्वक एमएसपी की कानूनी गारंटी के साथ-साथ अन्य मांगें भी कर सकें. इस मंच से नई घोषणाएं भी की जाएंगी."
#WATCH किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "...मैं शंभू मोर्चा के मंच से बोल रहा हूं। 200 दिन पूरे होने पर सभी तैयारियां चल रही हैं। लाखों किसान यहां और खनौरी व अन्य बॉर्डर पर जुटेंगे। हमें विनेश फोगाट का संदेश मिला है, वह भी यहां पहुंचेंगी, हम उनका सम्मान करेंगे...आज हम केंद्र… pic.twitter.com/cl03ScSZXr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 31, 2024
उधर, महिला किसान नेता के घर NIA की छापेमारी पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि वे इन छापेमारी से डरने वाले नहीं हैं और जब तक मांगें मानी नहीं जातीं आंदोलन जारी रहेगा. सरवन सिंह पंढेर ने बयान जारी कर कहा, ''ये मोदी सरकार के लिए बड़ी सिरदर्दी बना हुआ है. मोदी सरकार ने पहले भी आंदोलन पर जुल्म किए हैं. बेबी सुखविंदर कौर पर सुबह एनआईए का छापा पड़ा और वकीलों पर छापेमारी हुई है. उनके घर में उस वक्त पति,बेटा, बहू और 90 वर्ष की मां मौजूद थीं.''
आंदोलन को दबाने की हो रही कोशिश- पंढेर
पंढेर ने कहा, "ये छापेमारी क्यों की गई है इसलिए कि किसान आंदोलन किसी ना किसी तरह से दबाया जाए और डराया जाए. पहले हमारे ऊपर खालिस्तानी होने का टैग लगाया वो चला नहीं तो अब इस छापे के बाद कोई टैग लगाएंगे. हम इस छापेमारी की निंदा करते हैं. मोदी सरकार को मुंहतोड़ जवाब देंगे. हम छापे से डरने वाले नहीं. जब तक किसानों और मजदूरों की मांगें नहीं मानी जाएंगी हम आदोलन जारी रखेंगे."
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