Farmers Protest Latest News: शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर तैनात किसानों को अब हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) का इंतजार है ताकि वे अपनी मांग इस चुनाव के दौरान रख सकें. ये किसान 160 दिनों से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. ये किसान फरवरी महीने से ही शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं जब उन्होंने दिल्ली तक मार्च करने की योजना बनाई थी. हालांकि उन्हें वहीं बैरिकेड लगाकर रोक दिया गया था.


'द हिंदू' की रिपोर्ट के मुताबिक वहां मौजूद एक किसान सुखविंदर कौर ने कहा कि कुछ नेता ही हमारी बात सुन रहे हैं. क्या हमें भुला दिया गया है. हरियाणा चुनाव पास आ रहा है. हम इस मंच का इस्तेमाल अपनी मांगों को लेकर करेंगे. हम कहीं नहीं जा रहे हैं.


 इन मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान
जब किसानों को दिल्ली मार्च के लिए रोका गया तो कई किसान यही टेंट लगाकर रहने लगे. लोकसभा चुनाव के दौरान भी उनके मुद्दे पर ज्यादा ध्यान दिया गया और अब अक्टूबर में होने जा रहे हरियाणा विधानसभा चुनाव पर इन किसानों की नजर है. ये किसान एमएसपी समेत अलग-अलग मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. 


किसानों ने कर रखी है यह व्यवस्था
सुप्रीम कोर्ट ने यह माना है कि सरकार और किसान के बीच में भरोसे की कमी है और उन्होंने इस द्वंद्व को खत्म करने के लिए तटस्थ पैनल के गठन का सुझाव दिया है. वहीं, शंभू बॉर्डर पर पुलिस पोस्ट, एम्बुलेंस और फायर डिपार्टमेंट के वाहन भी स्टैंडबाय में हैं. पुलिस की मौजूदगी के बीच किसानों की जिंदगी भी यहां साथ-साथ चल रही है. यहां 500 के करीब किसान हैं और हजार से अधिक टेंट हैं. ट्रैक्टर रखे हुए हैं जिन्हें प्लास्टिक सीट से कवर कर दिया गया है और यह एक स्टोर रूम जैसा बन गया है.


किसानों ने यहां पर खाने पीने का भी प्रबंध कर रखा है. किसानोंं ने कूलर और पंखे तक लगा रखे हैं, लेकिन बिजली सीमित आती है क्योंकि केवल छह ट्रांसफॉर्मर ही लगे हुए हैं. किसानों का कहना है कि इंटरनेट प्रतिबंधित है तो ऐसे में परिवार से संपर्क में संघर्ष करना पड़ता है.


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