Farmers Protest: दिल्ली जाने को लेकर बंटे हरियाणा-पंजाब के नेता, आज Singhu Border पर होगा अहम फैसला
Farmers Protest: किसान आंदोलन की आगे की रणनीति पर हरियाणा और पंजाब के नेताओं की राय अलग है. सिंघु बॉर्डर पर हालांकि आज बड़ा फैसला होना तय है.
Farmer Protest: तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की ओर से आज सिंघु बॉर्डर पर अहम मीटिंग बुलाई गई है. इस मीटिंग में किसान आंदोलन (Farmer Protest) की आगे की रणनीति और दिल्ली जाने को लेकर फैसला लिया जा सकता है. मीटिंग से पहले हालांकि आंदोलन में शामिल हरियाणा और पंजाब के किसान नेताओं की राय बंटी हुई नज़र आ रही है.
दरअसल पिछले कुछ महीनों से आंदोलन में शामिल किसानों द्वारा कोई बड़ा कदम उठाए जाने की मांग उठ रही है. हाल ही में कई किसान नेताओं ने इस बात को स्वीकार किया है कि उनके ऊपर बड़ा फैसला लेने का दबाव बना हुआ है.
लखीमपुर में हुई घटना के बाद से ही कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों में गुस्सा है. अधिकतर किसानों का मानना है कि आखिर वो कब तक ऐसे ही बॉर्डर पर बैठे रहेंगे. बहुत सारे किसान नेताओं पर दिल्ली में जाकर धरना देने का दबाव भी बना रहे हैं.
दिल्ली जाने को लेकर क्यों बंटे हरियाणा-पंजाब
रविवार को हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी की ओर से एक मीटिंग बुलाई गई थी. इस मीटिंग में हरियाणा से किसान आंदोलन में शामिल संगठनों ने हिस्सा लिया. गुरनाम सिंह चढूनी ने मीटिंग के बाद कहा था कि अगर संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली की ओर कूच करने का एलान करता है तो हरियाणा के किसान पूरा साथ देंगे.
चूंकि 26 नवंबर को किसान आंदोलन का एक साल पूरा होने वाला है इसलिए एसकेएम मंगलवार को आगे की रणनीति का एलान कर सकता है. हालांकि जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक एसकेएम में शामिल पंजाब के 32 किसान संगठन के नेता दिल्ली जाने के हक में नहीं है. इन नेताओं का मानना है कि संसद सत्र के दौरान हर दिन 500 किसानों को संसद के बाहर जाकर प्रदर्शन करना चाहिए.