Farmers Protest: किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. इस बीच विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पंजाब (Punjab) के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवा (Internet Services) को फिलहाल बंद ही रखने का फैसला लिया गया है. इंटरनेट सेवा पर ये पाबंदी 24 फरवरी तक के लिए बढ़ा दी गई है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद पंजाब के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई है. इससे पहले गृह मंत्रालय ने हरियाणा की सीमा से लगे पंजाब के कुछ हिस्सों में 16 फरवरी तक इंटरनेट सेवा को प्रतिबंधित कर दिया था. अब इंटरनेट सेवा के निलंबन को आगे बढ़ाते हुए 24 फरवरी कर दिया गया है.


किसान आंदोलन का रविवार (18 फरवरी) को छठा दिन है. दिल्ली कूच करने के इरादे से निकले किसान पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं. आंदोलनकारी किसानों को सुरक्षा बलों के जवानों ने पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर ही रोक कर रखा है. किसानों और सुरक्षाबलों के जवानों के बीच लगातार टकराव की स्थिति बनी हुई है. किसान एमएसपी समेत अपनी कई मांगों को लेकर दिल्ली मार्च को लेकर अपनी जिद पर हैं. 


किसानों की आर्थिक हालत खराब- पंढेर


उधर, पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि किसानों और खेती में लगे मजदूरों की आर्थिक हालत लगातार खराब हो रही है. हम सिर्फ 27 रुपये में हर दिन का गुजारा करने के लिए मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि किसानों की खेती में लागत लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन उन्हें फसलों के उचित दाम तक नहीं मिलते हैं.


किसानों की क्या हैं मांगें?


आंदोलन कर रहे किसान सभी फसलों की खरीद को लेकर एमएसपी की गारंटी चाहते हैं. उनका कहना है कि फसलों के दाम स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से तय होनी चाहिए. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि किसान और खेत में काम करने वाले मजदूरों का कर्ज माफ होना चाहिए. इसके साथ ही किसानों को प्रदूषण से संबंधित कानून से बाहर रखा जाना चाहिए. 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग वाले किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन की मांग की जा रही है. इसके अलावा विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द करने की भी मांग है.


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