Punjab News: पंजाब में बाढ़ ने इस बार भारी तबाही मचाई है. प्रदेश के लगभग 19 जिले बाढ़ की चपेट में आ गए थे. वहीं बाढ़ की वजह से 40 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान भी गंवाई है. बाढ़ की तबाही का मंजर अभी भी लोगों का भय कम नहीं कर पाया है. वहीं जालंधर जिले में तो बाढ़ को 60 दिन बीत जाने के बाद भी बाढ़ का पानी लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है. जालंधर के लोहियां ब्लॉक के लगभग 700 एकड़ खेत अभी भी पानी से भरे पड़े है.


 कहीं पानी ही पानी तो कही रेत ही रेत 
जालंधर जिले में दो अलग-अलग तस्वीरें देखने को मिल रही है. एक तरफ खेतों में पानी भरा हुआ है तो दूसरी तरफ कई जगहों पर हर तरफ रेत ही रेत नजर आ रही है. जैसे वहां कोई रेगिस्तान हो. कुछ खेतों में दरारें भी पड़ गई है. मुंडी शहरियन, मुंडी चोलियन, मंडला चन्ना और धक्का बस्ती इलाकों में कुछ ऐसे ही हालात बने हुए है. जिन इलाकों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है वहां के किसानों का कहना है कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद बने गड्ढों से रेत को उतारना और गड्ढों से रेत को भरना एक कठिन काम है.  


खेतों में 3-4 तक जमा है पानी
धक्का बस्ती के खेतों में अभी भी  3-4 फीट तक बाढ़ का पानी जमा हुआ है. कुछ खेतों में जहां गाद जमा है. पानी उतरने में पानी समय लगने वाला है. किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं पंजाब में इस बार ब्यास व सतलुज में पानी का दबाव बढ़ गया था, इससे भाखड़ा और पोंग बांध ओवरफ्लो होने लगा. हालात को देखते हुए दोनों बांधों से लाखों क्यूसिक पानी रिलीज किया गया है. जिससे कई जिलों के गांव बाढ़ की चपेट में आ गए. 


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