(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jalandhar: ‘बेटों के नाम प्रॉपर्टी ट्रांसफर करना जिंदगी की बड़ी भूल’ पूर्व सैनिक को बेटों ने घर से निकाला
जालंधर में एक पूर्व सैनिक पिता को उसे बेटों ने घर से निकाल दिया वो दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. बुजुर्ग ने कहा कि उसकी सबसे बड़ी भूल यह रही कि उसने बेटों के नाम प्रॉपर्टी ट्रांसफर कर दी थी.
Punjab News: आपने अक्सर हिंदी फिल्मों में देखा होगा कि बेटे जमीन जायदाद के लिए पिता को घर से निकाल देते है. जिससे बुजुर्ग माता-पिता दर-दर भटकने को मजबूर हो जाते है. एक ऐसा ही मामला सामने आया है पंजाब के जालंधर से. जहां 26 साल देश सेवा में बिताने के बाद अब बुजुर्ग पिता बिशन दास को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ रहा है. ये हालात तब जब उनका एक बेटा पंजाब पुलिस में इंस्पेक्टर है और दूसरा इंजीनियर. लेकिन दोनों अपने पिता को साथ रखने को तैयार नहीं है.
बेटो के नाम प्रोपर्टी ट्रांसफर कर बेघर हुआ पूर्व सैनिक
पंजाब पुलिस में इंस्पेक्टर बेटा तो 10 साल पहले ही पिता से दूर रहने लगा और दूसरे इंजीनियर बेटे ने साल 2021 में पिता को घर से बाहर निकाल दिया. बुजुर्ग बिशन दास का कहना है कि बेटों के नाम प्रॉपर्टी ट्रांसफर करना उसका सबसे गलत फैसला साबित हुआ. घर से बाहर निकालने के बाद बिशन दास ने सीनियर सिटीजन एक्ट के तहत कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. करीब एक साल बाद 5 मई 2022 फैसला उनके हक में आया है. लेकिन अभी तक उन्हें कोई घर में रखने को तैयार नहीं और ना ही उन्हें घर पर कब्जा दिलवाया जा रहा है.
किराए के मकान में रहकर गुजारा कर रहा बुजुर्ग
बुजुर्ग बिशन दास एक किराए के मकान में रहकर गुजारा कर रहे है. वो 1967 में आर्मी में भर्ती हुए थे और 1991 में रिटायर्ड हुए थे. बिशन दास ने बताया कि पिछले हफ्ते भी वो एसडीएम ऑफिस गए थे, वहां नए अफसर आए थे. उन्होंने कहा कि केस पढ़ने के बाद ही वो कुछ कह सकते है. बिशन दास का आरोप है कि एक साल से ना तो प्रशासन उन्हें कब्जा दिला रहा है और ना ही पुलिस कोई मदद कर रही है. जिन बेटों को उन्होंने पढ़ाया-लिखाया वो उसे पास रखने तक को तैयार नहीं. बेटों ने घर अपने नाम करवा लिया और उन्हें घर से बाहर कर दिया. अपना घर होने के बाद भी मैं बेघर हो गया हूं.
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