Punjab Crime News: पंजाब को दहलाने की साजिश नाकाम, पंजाब पुलिस ने आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश करते हुए KLF के 5 गुर्गो को किया गिरफ्तार
पंजाब पुलिस ने आईएसआई की बड़ी साजिश को नाकाम करते हुए खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के 5 गुर्गों को गिरफ्तार किया है. इनके निशाने पर पंजाब के कई नेता, अधिकारी और व्यापारी थे.
Punjab News: पंजाब पुलिस को स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के 5 गुर्गों को गिरफ्तार किया है. आईएसआई की बड़ी साजिश को पंजाब पुलिस ने नाकाम कर दिया है. ये आरोपी पंजाब में शांति भंग करने की साजिश रच रहे थे. डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि विदेशों में बैठे आतंकी तत्वों ने पंजाब की जेलों में बंद अपराधियों के गैंग को सदस्यों को मिलाकर एक मॉड्यूल तैयार किया है.
इन अपराधियों के निशाने पर थे नेता, अधिकारी, व्यापारी
पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने बताया कि पुलिस ने कहा कि दो सप्ताह के अभियान के बाद गिरफ्तारियां की गईं है. उन्होंने बताया कि सूचना मिली थी कि विदेश में रहने वाले कुछ आतंकवादी तत्वों ने जेलों में बंद अपराधियों के माध्यम से आतंकियों की भर्ती करके एक आतंकी मॉड्यूल बनाया है और राज्य में शांति व सद्भाव बिगाड़ने के लिए अल्पसंख्यक नेताओं, पुलिस अधिकारियों और अन्य प्रमुख लोगों को निशाना बनाने की साजिश रच रहे हैं. उन्होंने कहा कि जानकारी के आधार पर एसएएस नगर के राज्य विशेष परिचालन प्रकोष्ठ (एसएसओसी) ने मामला दर्ज कर एक विशेष अभियान शुरू किया. यादव ने एक बयान में कहा, “लगभग दो सप्ताह तक चले अभियान में सावधानीपूर्वक खुफिया जानकारी एकत्र करके, तकनीकी विश्लेषण और त्वरित कार्रवाई के जरिए इस नापाक साजिश में शामिल इस आतंकी मॉड्यूल के पांच आतंकवादियों को पकड़ा गया. डीजीपी यादव ने कहा कि पंजाब पुलिस राज्य में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और राष्ट्र विरोधी तत्वों के नापाक मंसूबों को सफल नहीं होने दिया जाएगा.
विदेशों से हो रही थी फंडिग
डीजीपी गौरव यादव के अनुसार पुलिस जांच के दौरान इन मॉड्यूल के संबंध उन विदेशी हैंडलरों से जुड़े होने के बारे में पता लगा. जिन्होंने 24 जून 2023 को बटाला में राजीव महाजन को निशाना था. पंजाब में टारगेट किलिंग की अलग-अलग घटनाओं को अंजाम देने के लिए मॉड्यूल को चलाया जा रहा था. पुलिस जांच के दौरान ये भी पता चला है कि जेल में बंद अपराधियों के जरिये गिरोह में सदस्यों को भर्ती की जा रही थी और इन्हें विदेशों से फंडिग की जा रही थी. घटनाओं को अंजाम देने के बाद इनके बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए जाते थे.
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