Punjab News: पंजाब के फिरोजपुर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित कालूवाला गांव के किसान चिमन सिंह (60) की फसल बर्बाद हो गई है और हाल में आई बाढ़ की वजह से वह अपना घर भी गंवाने की कगार पर पहुंच गए हैं. इस गांव में अब तक कई किसानों के घर ध्वस्त हो चुके हैं. उनका घर भी बर्बाद होने की कगार पर है। चिमन सिंह ने बताया कि गांव में कई घर ढह गए हैं और कई अन्य आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. 


उन्होंने कहा मैंने ढाई एकड़ से अधिक भूमि पर धान की रोपाई की थी. मेरी पूरी फसल नष्ट हो गई है और मेरा घर कभी भी गिर सकता है. 


गांव के कई इलाकों में भरा पानी
ग्रामीणों ने बताया कि सतलज नदी के उफान पर होने से कृषि और आवासीय इलाकों में बाढ़ आ गई है. गांव के कई इलाकों में नदी का पानी भर जाने के बाद, कई ग्रामीण सरकारी प्राथमिक विद्यालय में स्थापित किए गए राहत शिविर में चले गए थे. चिमन सिंह ने कहा, मैं ना केवल वर्तमान स्थिति के बारे में चिंतित हूं, बल्कि अपने परिवार के भविष्य को लेकर भी चिंतित हूं. चिमन सिंह अपनी पत्नी रानो बाई और अपने बेटे जगदीश के साथ स्कूल में बने राहत शिविर में रह रहे हैं.उन्होंने पूछा कि, ‘‘मेरी फसल नष्ट हो गई है, तो मैं कैसे जीवित रहूंगा?


ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है खामियाजा
ग्रामीणों ने कहा कि जब भी सतलुज नदी उफान पर होती है तब ग्रामीणों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है. गांव के एक अन्य निवासी स्वर्ण सिंह (62) ने भी अपने परिवार के सदस्यों के साथ स्कूल में शरण ली है. स्वर्ण सिंह ने कहा हमें अपने सामान के साथ घर छोड़ना पड़ा. बाढ़ के पानी में बहुत सारे जहरीले कीड़े और यहां तक की सांप भी हैं, जिसके कारण हमें हर समय खतरा रहता है. जिला प्रशासन के साथ-साथ कई गैर-सरकारी संगठन बाढ़ पीड़ितों को भोजन और आश्रय प्रदान कर रहे हैं. रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव अशोक बहल ने कहा कि आपूर्ति की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा हमने पर्याप्त पानी और भोजन उपलब्ध कराया है और यहां तक कि नियमित चिकित्सा शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं.


बाढ़ से 19 जिले प्रभावित, 44 की गई जान
पंजाब और हरियाणा के कई जिले हाल की भारी बारिश से प्रभावित हुए हैं, जिससे आम जन-जीवन प्रभावित हुआ है. तरनतारन, फिरोजपुर, फतेहगढ़ साहिब, फरीदकोट, होशियारपुर, रूपनगर, कपूरथला, पटियाला, मोगा, लुधियाना, एसएएस नगर (मोहाली), जालंधर, संगरूर, एसबीएस नगर, फाजिल्का, गुरदासपुर, पठानकोट और बठिंडा सहित पंजाब के 19 जिले बाढ़ से प्रभावित थे. राज्य में भारी बारिश और बाढ़ में कम से कम 44 लोगों की जान चली गई तथा 22 लोग घायल हो गए. बाढ़ से प्रभावित 1,200 से अधिक लोग 159 राहत शिविरों में रह रहे हैं.


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