Punjab News: कांग्रेस के पूर्व विधायक मदन लाल जलालपुर को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है. मदन लाल जलालपुर को हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिली है. पूर्व विधायक पर पंचायती जमीन घोटाले को लेकर केस दर्ज किया गया था. इस घोटाला में तीन गांवों क सरपंचों के साथ-साथ पूर्व विधायक मदन लाल जलालपुर को भी दोषी माना गया था. जलालपुर को शंभू ब्लाक के तहत आने वाले 5 गांवों के जमीन घोटाले में नामजद किया गया था. जलालपुर पटियाला विधानसभा क्षेत्र के घन्नौर के विधायक थे.
जलालपुर को जांच में शामिल होने के आदेश
पंचायती जमीन घोटाले को लेकर पंजाब विजिलेंस ने पिछले साल मई में पीसी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की थी. इसी मामले में पूर्व विधायक मदन लाल जलालपुर को अंतरिम जमानत मिली. कोर्ट ने अगले आदेशों तक जलालपुर को जमानत देते हुए उन्हें इस मामले की जांच में शामिल होने के आदेश दिए है. ब्लॉक शंभू के पांच गांवों की 1104 एकड़ जमीन एक्वायर किए जाने में मुआवजे संबंधी अनियमितता को लेकर जांच अभी चल रही है. 5 गांवों आकड़ी, सेहरा, सेहरी, तख्तुमाजरा और पबरा की 1104 एकड़ जमीन एक्वायर की गई थी. यही नहीं इस इस जमीन के मुआवजे के तौर पर करीब 205 करोड़ रुपए जारी किए गए थे.
आईटी पार्क घोटाले में जारी हुई थी एलओसी
पूर्व विधायक मदन लाल जलालपुर पर राजपुरा के आईटी पार्क घोटाले के मामले में विजिलेंस ने एलओसी जारी की थी. जलालपुर पर यह मामला सरकारी जमीन एक्वायर करने के दौरान घोटाले को लेकर दर्ज किया गया था.
वहीं आपको बता दें कि पंजाब में जब से आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में आई है तब से कांग्रेस नेताओं पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है. मदन लाल जलालपुर के अलावा कांग्रेस के कई मंत्री और विधायक अभी विजिलेंस ब्यूरो की रडार पर है. बीते सोमवार को पूर्व कांग्रेस विधायक कुशलदीप सिंह उर्फ किक्की ढिल्लों से भी पंजाब विजिलेंस ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में करीब तीन घंटे तक कड़ी पूछताछ की गई थी.
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