Haryana News: हरियाणा के पूर्व मंत्री जगदीश यादव ने भारतीय जनता पार्टी का दामन छोड़ दिया है. आज वो नई दिल्ली में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के नेतृत्व में कांग्रेस का हाथ थामने वाले है. बीजेपी छोड़ने के बाद जगदीश यादव ने पार्टी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि वो चार साल पहले बीजेपी में शामिल हुए थे. इन चार सालों में उन्होंने देख लिया कि बीजेपी का कोई सिद्धांत नहीं है. बीजेपी यूज एंड थ्रो वाली पार्टी है. वो राष्ट्रीय पार्टी की ही राजनीति करना चाहते है इसलिए उन्होंने कांग्रेस को चुना है.

  


हविपा, इनेलो और BJP के बाद कांग्रेस के हुए यादव
आपको बता दें कि जगदीश यादव हरियाणा विकास पार्टी के मुख्यमंत्री बंसीलाल की सरकार में पहली बार 1996 में मंत्री बने थे. इसके बाद वे इंडियन नेशनल लोकदल में शामिल हो गए थे. लेकिन फिर उनका इनेलो से मोहभंग हुआ तो वो फिर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. 2019 के चुनाव से पहले उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ली थी लेकिन उन्हें विधानसभा चुनावों में टिकट नहीं मिल पाया था. अब चार साल पार्टी में बिताने के बाद उन्होंने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने का फैसला लिया. 


जगदीश यादव ने राव इंद्रजीत सिंह को दी थी मात
रेवाड़ी जिले की कोसली विधानसभा सीट केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के परिवार की एक तरह से पारिवारिक सीट रही है. यहां पहले जाटूसाना हल्के से राव इंद्रजीत सिंह ने कई चुनाव भी लड़े है. जगदीश यादव ने अपना पहला चुनाव हरियाणा विकास पार्टी की सीट पर 1991 में लड़ा था. इस चुनाव में जगदीश यादव की हार हुई थी. लेकिन 1996 के चुनाव में जगदीश यादव ने राव इंद्रजीत सिंह को जाटूसाना सीट से हरा दिया था. तब उन्हें बंसीलाल सरकार में मंत्री बनाया गया था. इसके बाद उन्होंने इनेलो की टिकट पर कोसली से चुनाव लड़ा. वहीं 2014 में उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा. कोसली हल्के में जगदीश यादव का खुद का जनाधार है, जिसकी बदौलत वो लंबे समय से राजनीति में मजबूत पकड़ बनाए हुए है. 


यह भी पढ़ें: NIA Raid in Haryana: हरियाणा के रोहतक में NIA की छापेमारी, गैंगस्टर हिमांशु भाऊ के करीबियों पर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी