Punjab News: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने 4 जून को कई राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए. पंजाब से सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली. सुनील जाखड़ को अध्यक्ष बनाने के बाद से पार्टी में बगावत छिड़ गई है. बीजेपी के पूर्व विधायक अरुण नारंग (Arun Narang) को इस बात से खासा नाराजगी है कि पार्टी ने पूराने अनुभवी लोगों को दरकिनार कर नए को प्रदेश अध्यक्ष की कमान दी. अरुण नारंग ने अपनी नाराजगी दिखाते हुए इस्तीफा दे दिया.
अनुभवी नेता को किया अनदेखा- अरुण नारंग
पूर्व विधायक अरुण नारंग (Arun Narang) कहना है कि, पार्टी में 40-50 साल तक के अनुभवी कर्यकरता हैं उन्हें अनदेखा किया गया उनके भावना को नहीं समझा गया. मुझे उनके साथ कोई रंझ या गर्ज नहीं है लेकिन पार्टी के साथ पूरी नाराजगी है. अरुण नारंग ने आने वाले समय में पार्टी को शुभकामनाएं भी दी. उन्होंने आगे कहा कि मैं पार्टी में काम नहीं करूंगा लेकिन एक सच्चा कार्यकर्ता बनकर मैं देश के साथ, मोदी जी के साथ और पार्टी के साथ रहूंगा लेकिन पार्टी में काम नहीं करूंगा.
2022 में सुनील जाखड़ ने किया था बीजेपी ज्वाइन
आपको बता दें कि, पूर्व विधायक अरुण नारंग ने सुनील जाखड़ को साल 2017 के विधानसभा चुनाव में करारी मात दी थी. साल 2022 में जाखड़ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. पंजाब में उन्हें बड़ा हिंदू चेहरा माना जाता है. उनके पिता बलराम जाखड़ कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे. बलराम जाखड़ मध्य प्रदेश के राज्यपाल भी बने और लोकसभा के स्पीकर भी रहे थे.
हिंदू पक्ष के बड़े चेहरे हैं सुनील जाखड़
साल 2002 में सुनील जाखड़ पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. इसके बाद 2007 और 2012 में भी वो विधायक चुने गए. साल 2017 में हुए लोकसभा उपचुनाव में जीत दर्ज कर वो लोकसभा के सांसद बने. विनोद खन्ना की मौत के बाद गुरदासपुर लोकसभा सीट खाली हो गई थी. कांग्रेस ने इस सीट से जाखड़ को उम्मीदवार बनाया था और वो जीतने में कामयाब रहे.