पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह (Beant Singh) की हत्या के मामले में सजा काट रहे जगतार सिंह तारा (Jagtar Singh Tara) को करीबी रिश्तेदार की शादी के लिए दो घंटे की पैरोल दे दी गई है. पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने तारा को भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए 3 दिसंबर को 2 घंटे की पैरोल दी है. जगतार सिंह तारा को कड़ी सुरक्षा के बीच शादी के वेन्यू पर लाया जाएगा और फिर कोर्ट के आदेश के अनुसार दोबारा जेल पहुंचा दिया जाएगा.


जगतार सिंह को 3 दिसंबर की सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक के लिए पुलिस हिरासत में भतीजी की शादी में शामिल होने की इजाजत मिली है. जगतार सिंह फिलहाल चंडीगढ़ की बुडै़ल जेल में बंद है. बताया जा रहा है कि जगतार की भतीजी की शादी रोपड़ में होने वाली है. 


 ब्लास्ट में गई थी सीएम बेअंत सिंह की जान, जगतार सिंह था मास्टर माइंड
बेअंत सिंह 1992 से 1995 के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री थे. पूर्व कांग्रेस नेता बेअंत सिंह की 31 अगस्त 1995 को हत्या कर दी गई थी. बेअंत सिंह पर उस वक्त हमला किया गया था जब वह चंडीगढ़ में सचिवालय में मौजूद थे. तभी वहां ब्लास्ट हुआ था जिसमें 17 अन्य लोगों की जान चली गई थी. इसमें कुछ सुरक्षाकर्मियों को भी जान गंवानी पड़ी थी. जगतार सिंह तारा इस हमले का मास्टर माइंड था जिसे 2015 में बैंकॉक से गिरफ्तार किया गया था. 


जानें- कब मिलता है पैरोल?
अब पैरोल का मतलब जान लेते हैं. पैरोल का अर्थ दरअसल जेल से कुछ अवधि के लिए मिलने वाली एक छूट है. माना जाता है कि पैरोल दोषी या कैदी के सुधार की प्रक्रिया का एक हिस्सा है. इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य कैदियों को समाज से एकबार फिर से जोड़ना होता है. पैरोल भी दो तरह का होता है- कस्टडी पैरोल और रेग्युलर पैरोल. कस्टडी पैरोल के तहत दोषी को विशेष स्थिति में जेल से बाहर लाया जाता है लेकिन इस दौरान उसे पुलिस हिरासत में ही रहना होता है. रेग्युलर पैरोल एक साल में कम से कम एक महीने के लिए दी जा सकती है. 


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