Chandigarh: एडीजीपी चंडीगढ़ के नाम से ट्रैवल एजेंट के साथ धोखाधड़ी, 5.76 लाख का लगाया चूना, फिर ऐसे हुआ खुलासा
Jalandhar News: एडीजीपी चंडीगढ़ का नाम इस्तेमाल कर जालंधर के एक ट्रैवल एजेंट मालिक से धोखाधड़ी करने के मामले का खुलासा हुआ है. पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
Punjab News: एडीजीपी चंडीगढ़ आलोक कुमार का नाम इस्तेमाल कर 5 लाख 76 हजार रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है. जबकि आलोक कुमार कभी चंडीगढ़ में एडीजीपी रहे ही नहीं, वो डीआईजी के तौर पर चंडीगढ़ में तैनात थे लेकिन अब उनकी पोस्टिंग दिल्ली में है. आलोक कुमार का नाम एडीजीपी चंडीगढ़ के तौर पर इस्तेमाल कर डोमेस्टिक फ्लाइट और होटल बुक करवाकर जालंधर के एक ट्रैवल एजेंट मालिक से 5 लाख 76 हजार रुपए ठग लिए गए.
आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
मामले को लेकर फेज-8 थाना पुलिस ने जालंधर के रहने वाले विजय सिंह डोगरा की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 419 और धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. वहीं सूत्रों की माने तो पुलिस ने आलोक कुमार को एडीजीपी बताकर ठगी करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है. मोहाली पुलिस द्वारा इस मामले को लेकर आज प्रेस काफ्रेंस की जा सकती है. सूत्रों की माने तो आरोपियों की पहचान कर ली गई है. उनकी पहचान निरनाथ सिंह सेक्टर-17 फरीदाबाद और राघव गोयल निवासी पानीपत के रूप में हुई है.
आरोपियों ने खुद को एडीजीपी बताकर की ठगी
विजय सिंह डोगरा ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया है कि उसका बीएमएसी चौक जालंधर में ट्रैवल एक्सपर्ट वेकेशंस प्राइवेट लिमिटेड के नाम ऑफिस है. 24 जुलाई को उसके पास एक कॉल आई तो कॉल करने वाले ने कहा कि वो चंडीगढ़ से एडीजीपी आलोक कुमार रहा है. ऐसे करके उसने कई बार दिल्ली की एयर टिकट और होटल के कमरे बुक करवाए, यहीं नहीं अपने नीति काम के लिए भी कई बार उसने ऑनलाइन पेमेंट करवाई और उससे कहा कि वो सारी पेमेंट एक साथ कर देगा. जब लाखों रुपए की पेमेंट पेंडिग हो गई तो ट्रैवल एजेंट विजय सिंह डोगरा ने उससे पैसे मांगे तो उसने फेज-9 क्रिकेट स्टेडियम के पास बुलाया औऱ कहा कि सारी पेमेंट वहीं से ले जाना. लेकिन जब वो क्रिकेट स्टेडियम पहुंचा तो खुद को एडीजीपी आलोक कुमार बताने वाले शख्स ने कहा कि वो केस नहीं लेकर आया बल्कि उसका कोई अभी वेट कर रहा है उसे 50 हजार रुपए देने है, वो उसे 50 हजार रुपए और दे दे वो सारी पेमेंट एक साथ कर देगा. इस तरह विजय सिंह डोगरा उसे 50 हजार रुपए और दे दिए जब वो वापस नहीं लौटा तो ट्रैवल एजेंट ने चंडीगढ़ में एडीजीपी चंडीगढ़ आलोक कुमार के बारे में पता किया जिसके बाद उसे पता चला कि वो ठगी का शिकार हुआ है.