Punjab: जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की अकाली दल को नसीहत, बोले- ‘राजसी सोच से सिख पंथ भी गायब हो...'
जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने शिरोमणि अकाली को नसीहत देते हुए कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि अगर हमें ताकतवर बने रहना है तो सब संस्थाओं को धन गुरु ग्रंथ साहिब की हजूरी में मिल कर बैठना होगा.
Punjab News: श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने एक बार फिर शिरोमणि अकाली को नसीहत देते हुए घेरा है. अकाली दल को उनका 50 साल पुराना एजेंडा याद दिलवाते हुए हरप्रीत सिंह ने कहा कि सिख पंथ के लिए सभी को एक होना होगा. उन्होंने कहा कि एक समय था जब राजसी एजेंडे में सिख पंथ और गुरुद्वारे पहले नंबर पर होते थे. अब अकाली दल को अपना 50 साल पुराना संविधान पढ़कर देखना चाहिए. क्योंकि 50 साल पहले अकाली दल का एजेंडा क्या है साफ लिखा है.
‘राजसी सोच से सिख पंथ गायब’
मोगा के गांव रोडे में जरनैल सिंह भिंडरांवाले के जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह कई मुद्दो पर अपने विचार रखे. अकाली दल को नसीहत देते हुए बादल ने आगे कहा कि आज हमारी राजसी सोच से सिख पंथ भी गायब हो गया है, गुरुद्वारे भी सोच से गायब हो गए है. यहीं हमारी कमजोरी का कारण है. अगर हमें ताकतवर बने रहना है तो हम सब संस्थाओं को धन गुरु ग्रंथ साहिब की हजूरी में मिल कर बैठना होगा. संस्थाएं धर्म की रीढ़ की हड्डी होती हैं. अगर ये ही कमजोर हो गई तो धर्म तो अपने आप कमजोर होने लगेगा.
‘सिखों को बांटने की हो रही कोशिश’
जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि पंजाब की धरती पर अब फिरकापरस्त लोग पहुंच चुके हैं. पहले इन फिरकापरस्त लोगों द्वारा सिख-हिंदुओं को लड़ाने का प्रयास किया गया और अब ये लोग सिखों को दलित में बांटने की कोशिश कर रहे है.
लंबे समय से जारी है विवाद
आपको बता दें कि अकाली दल और जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के बीच ये विवाद कोई नया नहीं है बल्कि इससे पहले भी कई मंचों से जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह अकाली दल को नसीहत दे चुके है. एक अन्य कार्यक्रम के दौरान जत्थेदार ने कहा अकाली दल से किसानों के मुद्दे उठाने की नसीहत दी थी.