Punjab News: पंजाब के एक युवती द्वारा कनाड़ा पहुंचने के पति से वैवाहिक संबंध रखने से इंकार करने का मामला सामने आया है. जिसके बाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में मामले को लेकर न्याय की गुहार लगाई गई है. वही हाईकोर्ट ने इस बात को लेकर हैरानी जताई है कि कोर्ट द्वारा आरोपी को भगोड़ा घोषित करने के बाद भी नवांशहर में दर्ज मामले को लेकर कैसे लड़की और उसके माता-पिता को क्लीट चिट दे दी गई.
कोर्ट ने दिए जांच के आदेश
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस दीपक सिब्बल ने पुलिस द्वारा लड़की और उसके माता-पिता को क्लीट चिट दिए जाने को लेकर पंजाब के डीजीपी को मामले की जांच के आदेश दिए है. जस्टिस दीपक सिब्बल ने कहा कि वो इस मामले को लेकर हैरान है कि कैसे पुलिस ने बिना जांच किए कैसे तीन बार आरोपियों को अलग-अलग समय में क्लीन चिट दे दी.
कोर्ट ने आरोपियों को किया फरार घोषित
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का कहना है कि पंजाब पुलिस के अलग-अलग अधिकारियों ने साल 2012, 2016 और 2019 में जांच के बाद अपनी-अपनी रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की सिफारिश की गई थी. जबकि कोर्ट आरोपियों को पहले ही फरार घोषित कर चुका था. कोर्ट ने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि पुलिस बिना जांच के ही एफआईआर खारिज करने की सिफारिश करने में लगी हुई थी. जबकि कोर्ट ने इसे मंजूर नहीं किया.
कोर्ट ने लगाई फटकार
कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि अगर आगे से बिना जांच के अगर आरोपियों को क्लीन चिट देने की सिफारिश की गई तो इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा. कोर्ट के सामने पुलिस की कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े होने लगे है. कनाड़ा निवासी संपूर्णा सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा था कि उनके बेटे की शादी के बाद बहु ने कनाडा पहुंचते ही शादी रखने से इंकार कर दिया था.
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