(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ramlila: हरियाणा में राम लीला के जरिए बच्चों को सिखाए जाएंगे अच्छे संस्कार, स्कूलों में होगा इसका मंचन
Gurugram Ramlila News: हरियाणा के गुरुग्राम में सरकारी विद्यालयों में राम लीला के जरिए न केवल बच्चों को अच्छे संस्कार सिखाए जाएंगे, बल्कि भाषाई स्तर में सुधार करना भी इसका मकसद है.
Haryana News: दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम में हरियाणा सरकार द्वारा संचालित प्राइमरी स्कूलों में राम लीला के माध्यम से बच्चों को अपनी कला और संस्कृति से जोड़कर संस्कारी बनाया जाएगा. सिर्फ जोड़ा ही नहीं, बल्कि राम लीला के संवाद से उनकी भाषा में सुधार कर उन्होंने भाषाई स्तर पर निपुण बनाया जाएगा. इसके लिए स्कूलों में राम लीला की रिहर्सल शुरू हो चुकी है. रिहर्सल के बाद स्कूलों में बच्चों की राम लीला होगी. अभिभावक भी अपने बच्चों को अपनी कला एवं संस्कृति में निपुण होता देखेंगे.
हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से कहा गया है कि रामायण एक कहानी से ज्यादा अपने परिवार को प्यार, सम्मान देने, अपने वचनों को पूरा करने, मर्यादा का पालन करने और कमजोरों की रक्षा करने जैसे मूल्यों के महत्व को प्रदर्शित करने का एक शैक्षिक माध्यम है. इसी उद्देश्य से हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के सभी प्राइमरी स्कूलों में निपुण बाल राम लीला मंचन की योजना बनाई गई है.
स्कूलों के लिए रामलीला का शेड्यूल जारी
स्कूलों में राम लीला का शेड्यूल भी जारी किया गया है, जिसके अनुसार स्कूलों में शिक्षक बच्चों को राम लीला की तैयारी कराई जा रही है. शेड्यूल के अनुसार निपुण राम लीला के दृश्यों, संवाद का 15 अक्टूबर तक अभ्यास कराया जा रहा है. 15 अक्टूबर विश्व छात्र दिवस के उपलक्ष्य में 16 अक्टूबर को स्कूलों में निपुण मेला होगा, जिसमें निपुण बाल राम लीला प्रस्तुत की जाएगी. निपुण राम लीला में भाग लेने के लिए कक्षा पहली से पांचवीं तक के विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है.
प्राइमरी स्कूलों के बच्चे निभाएंगे अहम किरदार
राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला गुडगांव की मुख्य अध्यापिका राज कुमारी ने बताया कि रामलीला के मंचन के लिए पांच छोटे दृश्य लिए गए हैं, जिन पर बच्चों को निपुण राम लीला के लिए तैयार कर रहे हैं. विभाग के निर्देशानुसार इन पांच दृश्यों में से किसी भी एक दृश्य पर मंचन के लिए चुना गया है. इसके अलावा, दृश्य का चयन करने के लिए कक्षा 6 की बाल राम कथा पुस्तक का विकल्प दिया गया है. निर्देश यह भी दिए गए हैं कि कक्षा पहली से पांचवीं तक के विद्यार्थियों को राम लीला में प्रतिनिधित्व दिया जाए. कक्षा तीसरी, चौथी और पांचवी की तुलना में पहली व दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों को छोटे संवाद दिए जाएं, ताकि वे आसानी से याद करके बोल सकें.
दर्शक दीर्घा में होंगे अभिभावक और आसपास के लोग
शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि स्कूलों में बच्चों द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली राम लीला को देखने के लिए उनके अभिभावकों और समाज के अन्य लोगों को स्कूल में आमंत्रित करें. इससे विद्यार्थियों का उत्साह भी बढ़ेगा और उन्हें प्रेरणा भी मिलेगी. स्कूल के अध्यापक निपुण राम लीला की 4 से 5 मिनट वीडियो रिकॉर्डिंग भी करें और उसे ट्वीटर एवं फेसबुक के माध्यम से शेयर भी करें. स्कूल अपनी वीडियो को ऑनलाइन शेयर करते समय शिक्षा विभाग के संबंधित सोशल मीडिया पेजों के साथ टैग करें, ताकि विभाग के पास डाटा के रूप में स्कूल में हुई राम लीला की जानकारी दर्ज हो सके.