Haryana Assembly Elections: हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बिसात बिछने लगी है. प्रदेश में हाल में हुए लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन से कांग्रेस का उत्साह बढ़ा हुआ है तो वहीं, बीजेपी अपने खराब प्रदर्शन पर मंथन कर रही है. इस बीच हरियाणा लोकहित पार्टी के संस्थापक और सिरसा के विधायक गोपाल कांडा की भूमिका भी इस चुनाव में अहम हो सकती है.


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में दिल्ली में हरियाणा बीजेपी प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ कांडा की मुलाकात ने अफवाहों को और हवा दे दी है. इसके बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बयान दिया कि एनडीए एक साथ आगे बढ़ेगा और सिरसा की सभी पांच विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करेगा.


हालांकि कांडा अपनी पार्टी के अकेले विधायक हैं और पहले से ही एनडीए का हिस्सा हैं, लेकिन बीजेपी 90 विधानसभा सीटों पर खामियों को दूर करने की कोशिश कर रही है. हाल के लोकसभा चुनावों में जहां बीजेपी और कांग्रेस को पांच-पांच सीटें मिलीं, वहीं इंडिया ब्लॉक 90 विधानसभा क्षेत्रों में 46 पर आगे रहा. बीजेपी को केवल 44 विधानसभा क्षेत्रों पर बढ़त मिली.


2014 में हरियाणा लोकहित पार्टी की स्थापना करने वाले कांडा, सिरसा से दो बार विधायक और हरियाणा के पूर्व मंत्री हैं. धर्मेंद्र प्रधान के साथ उन्होंने क्या चर्चा की और क्या बीजेपी के साथ विलय की योजना है, इस पर चुप्पी साधते हुए कांडा ने मीडिया से बातचीत में कहा, “जब भी चीजें स्पष्ट होंगी हम आपको बताएंगे. फिलहाल मामला गोपनीय है.''


लोकसभा चुनाव से पहले कांडा ने बीजेपी से अपनी पार्टी के लिए 10-12 विधानसभा सीटें मांगी थीं. मई में उन्होंने कहा था, ''बीजेपी ने 25 वर्षों से अधिक समय से सिरसा में कोई विधानसभा सीट नहीं जीती है. सीटों से समझौता कर वे लगातार तीसरी बार सरकार बना सकते हैं.''


कांडा ने कहा था कि अगर बीजेपी के साथ बात नहीं बनी तो उनकी पार्टी राज्य में हिसार और सिरसा समेत कम से कम 15 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. हालांकि, बीजेपी के सूत्रों ने कहा कि पार्टी कांडा को दो-तीन सीटों से अधिक देने के लिए राजी नहीं है. 


एक नेता के मुताबिक, अगर बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं हुआ तो कांडा अपने भाई के साथ कांग्रेस में भी जाने को तैयार हो सकते हैं. ऐसा अगर होता है तो कांडा के लिए ये पहली बार नहीं होगा. 2009 के विधानसभा चुनावों के बाद, जब कांग्रेस बहुमत से पीछे रह गई थी, तब सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा ने गोपाल से समर्थन मांगा था. गोपाल ने तब गृह राज्य मंत्री से कम पर समझौता नहीं किया था.


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