Punjab Government: शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव वाली नीतियां लागू कर पंजाब में मान सरकार नया इतिहास रच रही है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में 'रंगला पंजाब' का वादा जमीन पर उतर रहा है. मान सरकार की नीतियों को जमीन पर उतारने के लिए शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस तत्परता से काम कर रहे हैं. पंजाब के सरकारी स्कूलों में मान सरकार की नीतियों का सकारात्मक असर दिखने लगा है. 


क्या है स्कूल ऑफ एप्लाइड लर्निंग
मान सरकार का उ‌द्देश्य है कि पंजाब में 12वीं के बाद जो बच्चे किन्हीं कारणों से पढ़ाई छोड़ देते हैं, उनके पास अपनी आजीविका चलाने के लिए अच्छे विकल्प हों. इस तरह से व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने और युवाओं को उनके भावी जीवन के लिए तैयार करने के लिए मान सरकार 40 सरकारी स्कूलों में 'स्कूल टू वर्क' की पायलट परियोजना शुरू कर रही है. इस कार्यक्रम को 'स्कूल ऑफ एप्लाइड लर्निंग' का नाम दिया गया है. मौजूदा वित्त वर्ष में पंजाब सरकार ने इसके लिए 10 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है.


क्या होगा स्कूल ऑफ एप्लाइड लर्निंग में
इस योजना के तहत मान सरकार शुरुआती दौर में पंजाब के 40 स्कूलों में हाईटेक वोकेशनल लैब स्थापित करेंगी. इन स्कूलों में वोकेशनल लैब के माध्यम से छात्रों को बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं, बीमा, डिजिटल डिजाइन, मोबाइल एप डेवलपिंग, स्वास्थ्य सेवा विज्ञान, सैलून मैनेजमेंट और हेयरस्टाइलिंग, जैसे व्यावसायिक विषय पढ़ाए जाएंगे.


शिक्षा विभाग ने इन पाठ्यक्रमों को चलाने के लिए निजी कंपनियों के साथ भी करार किया है, जिसमें हेल्थकेयर में प्रशिक्षण के लिए मैक्स हेल्थकेयर, ब्यूटी एंड वेलनेस के लिए ओरेन इंटरनेशनल, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं के लिए लेबरनेट, फंक्शनल इंग्लिश के लिए कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस और असेसमेंट जैसी कंपनियां शामिल हैं.