Punjab: पंजाब में कल से विधानसभा का दो दिवसीय सत्र, तीन विधेयकों को राज्यपाल ने रोका
Punjab Assembly Session: पंजाब सरकार और राजभवन के बीच इन दिनों विधानसभा सत्र को लेकर ठनी हुई है. राजभवन ने इस विधानसभा सत्र को न केवल अवैध करार दिया बल्कि तीन बिल भी रोक दिए हैं.
Punjab News: पंजाब (Punjab) विधानसभा के शुक्रवार से शुरू हो रहे दो-दिवसीय सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है, क्योंकि विपक्षी दल सतलुज- यमुना संपर्क (SYL) नहर, राज्य के ऋण और कानून-व्यवस्था सहित कई मुद्दों पर आप (AAP) सरकार को घेर सकते हैं. उधर, राजभवन और आप सरकार में चल खींचतान के बीच राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित (Banwari Lal Purohit) ने उन तीन विधेयकों को अपनी मंजूरी रोक दी है जिन्हें सत्र के दौरान पेश किया जाना है. राज्यपाल का कहना कि सीएम मान को अनिश्चित रास्ते पर आगे जाने की जगह मानसून या शीतकालीन सत्र बुलाना चाहिए.
दो दिवसीय सत्र ऐसे समय में बुलाया गया है जब एसवाईएल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा 4 अक्टूबर को दिशानिर्देश जारी करने के बाद राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है. कोर्ट ने केंद्र को पंजाब में भूमि के उस हिस्से का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था, जिसे नहर निर्माण के लिए राज्य के हिस्से के तौर पर आवंटित किया गया था. राज्यपाल ने विधानसभा के प्रस्तावित सत्र को ‘अवैध’ बताया है और कहा है कि इस सत्र में किया गया कोई भी विधायी कार्य ‘गैर-कानूनी’ होगा, लेकिन राजभवन की इन आपत्तियों के बावजूद सरकार सत्र आयोजित करने को तैयार है.
राजभवन ने पहले के सत्र पर भी उठाई थी उंगली
कुछ दिन पहले सीएम भगवंत मान ने जोर देकर कहा था कि सत्र ‘पूरी तरह से वैध’ है. उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि कई ‘जन-समर्थक’ विधेयक सदन में पेश किए जाएंगे. इस साल यह दूसरी बार है जब विधानसभा की बैठक बुलाने को लेकर आप सरकार और राजभवन के बीच विवाद खड़ा हो गया है. राजभवन ने पहले 19-20 जून की विशेष बैठक को ‘पूरी तरह से अवैध’ बताया था.
एसएडी उठाएगी यह मुद्दा
सत्र में एसवाईएल नहर पर चर्चा होने की उम्मीद है. यह एक ऐसी परियोजना है, जिसे पंजाब पूरा करने का इच्छुक नहीं है. राज्य सरकार इस मुद्दे का समाधान ला सकती है. इसके अलावा, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित दो संशोधन विधेयक भी सत्र में पेश किये जाने वाले हैं. शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने गुरुवार को कहा कि अन्य मुद्दों के अलावा, एसवाईएल मामला सदन में उठाया जाएगा, क्योंकि राज्य सरकार नदी जल मामले में पंजाब के अधिकारों की रक्षा करने में ‘विफल’ रही है.
ये भी पढ़ें- Gurugram: 37वें नेशनल गेम्स में गुरुग्राम के 27 खिलाड़ियों का चयन, 20 अक्टूबर को गोवा रवाना होगी टीम