(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सुखदेव ढींढसा के निष्कासन पर पूर्व विधायक का अकाली दल पर हमला, 'जमीनी हकीकत से...'
Punjab Politics: शिरोमणि अकाली दल अपने इतिहास की सबसे बड़ी बगावत का सामना कर रही है. पार्टी के कई नेताओं को सुखबीर सिंह बादल ने हाल के समय में बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
Punjab News: गुरपरताप सिंह वडाला (Gurpartap Singh Wadala) ने सुखदेव सिंह ढींडसा (Sukhdev Singh Dhindsa) और आठ अन्य को निष्कासित करने के लिए शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेतृत्व पर निशाना साधा है. वडाला ने कहा कि यह कदम अकाली दल के नेतृत्व की हताशा को दर्शाता है क्योंकि वह जमीनी हकीकत का सामना नहीं करना चाहती. पूर्व विधायक वडाला 'शिरोमणि अकाली दल सुधार लहर' के संयोजक हैं और उन्हें भी SAD ने निष्कासित कर दिया गया था.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अपने निष्कासन से ढींडसा बेफिक्र नजर आ रहे हैं. उन्होंने भी पार्टी के असंवैधानिक फैसलों के लिए एसएडी चीफ सुखबीर सिंह बादल की आलोचना की. निष्कासित होने से पहले ढींडसा ने कहा था कि हम अकाली हैं और हम हमेशा अकाली ही रहेंगे. एसएडी ने कथित तौर पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गुरुवार को ढींडसा को प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया था. दरअसल, इसके पहले ढींडसा ने पार्टी चीफ बादल की आलोचना की थी और आठ बागी नेताओं के निष्कासन को खारिज कर दिया था.
इन नेताओं को भी SAD ने दिखाया बाहर का रास्ता
इससे पहले पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजराऔर पूर्व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति प्रमुख बीबी जागीर कौर समेत आठ बागी नेताओं को निष्कासित कर दिया था, जिनपर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल और पार्टी प्रमुख के खिलाफ विद्रोह करने के आरोप हैं. एसएडी ने वडाला और पूर्व मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा, सिकंदर सिंह मलूका, सुरजीत सिंह रखरा, सुरिंदर सिंह ठेकेदार और चरणजीत सिंह बराड़ को भी पार्टी से बाहर कर दिया था.
सुखबीर के खिलाफ इन्होंने की बगावत
बता दें कि इस वक्त एसएडी अपने राजनीतिक इतिहास में सबसे बड़े विद्रोह का सामना कर रही है. जहां पार्टी नेताओं का एक समूह सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ खड़ा हो गया. लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद उनसे इस्तीफा मांगा जा रहा है. बादल के खिलाफ बगावत करने वाले नेताों में चंदूमाजरा, बीबी जागीर कौर ,वडाला, पूर्व मंत्री मलूका, ढींडसा, सुरजीत सिंह रखरा, सरवन सिंह फिल्लौर और सुच्चा सिंह छोटेपुर शामिल हैं.
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