Gurugram Cyber Crime: दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम में लगातार साइबर क्राइम बढ़ रहे हैं. इसको लेकर गुरुग्राम पुलिस एक्टिव दिखाई दे रही है. गुरुग्राम साइबर पुलिस ने इन अपराधियों पर नकेल कसने के लिए खुद को मजबूत करना शुरू कर दिया है. समय पर कार्रवाई करने के लिए, गुरुग्राम पुलिस ने निजी और सरकारी बैंकों के नोडल अधिकारियों के लिए एक कॉल सेंटर बनाया गया किया है. पुलिस की तरफ से तैयार किए गए कॉल सेंटर में प्रतिदिन 24 घंटे बैंक कार्यों के फॉलोअप के लिए विशेष रूप से दो पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. दिसंबर माह में साइबर पुलिस ने छह बैंकों को नोटिस देकर समय पर कार्रवाई नहीं करने पर जवाब भी मांगा था.


डीसीपी साइबर सिद्धांत जैन ने बताया कि साइबर क्राइम को लेकर लोग जागरूक हो रहे हैं और कार्रवाई के लिए शिकायत भी कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में, धोखाधड़ी किए गए पैसे को पुनर्प्राप्त करने के लिए हमारे पुलिस ने पैसे जब्त करने के लिए खाते को ब्लॉक करने के लिए दैनिक आधार पर बैंकों के नोडल अधिकारियों को आधिकारिक मेल भेजा है, लेकिन बैंक गोल्डन ऑवर के दौरान संज्ञान नहीं लेते. जिसके चलते जालसाज खाते से पैसे निकाल लेते हैं.


साइबर पुलिस थानों में किया गया कॉल सेंटर स्थापित 


एक वरिष्ठ साइबर पुलिस अधिकारी ने कहा कि एक सप्ताह पहले साइबर पुलिस स्टेशनों में एक कॉल सेंटर स्थापित किया गया है. कार्रवाई के लिए कॉल सेंटर में तैनात दो पुलिसकर्मी 24 घंटे फोन कर फॉलोअप करेंगे. बैंक की कार्रवाई के बाद पुलिसकर्मी बैंकों को फोन करना बंद कर देते हैं. जो बैंक तुरंत कार्रवाई नहीं कर रहे हैं  उन पर दबाव बनाने के लिए हम उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी टैग करते हैं. जिस पर बैंक के सोशल प्लेटफॉर्म को संभालने वाली टीम संज्ञान लेती है. जल्द से जल्द कार्रवाई करवाकर जवाब भी दिया जाता है.


32 हजार से ज्यादा लोगों के साथ हुई ठगी


डीसीपी जैन ने बताया कि गौरतलब है कि जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 तक 32000 से ज्यादा लोगों ने धोखाधड़ी और ठगी से जुड़ी शिकायतें साइबर पुलिस को दी थीं. इन शिकायतों में जालसाजों ने कुल 209 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 645 जालसाजों को गिरफ्तार किया है. साथ ही 26 करोड़ रुपये की रकम भी बरामद की गई. डीसीपी सिद्धांत जैन ने कहा की एक कॉल सेंटर स्थापित किया गया है, ताकि बैंक त्वरित कार्रवाई कर सकें. कॉल सेंटर में दो पुलिसकर्मी नियुक्त किए गए हैं, जो बैंकों को फोन कर धोखाधड़ी किए गए पैसों को तुरंत फ्रीज कराने की निगरानी करते हैं. ऐसा करने के साथ-साथ बैंक खाते भी जब्त किए जा सकते है. (राजेश यादव की रिपोर्ट)


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