Gurugram Cyber Crime: डिजिटल युग में साइबर क्राम लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है. देश के हर राज्य में साइबर अपराधी लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. गुरुग्राम के कोटक महिंद्रा बैंक के तीन मैनेजर समेत चार आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ मामले का खुलासा किया है.


18 नवंबर 2023 को ठगी का शिकार हुए एक पीड़ित के मोबाइल फोन पर कॉल आई. कॉल करने वाले व्यक्ति ने उसको अपना परिचय उसके दोस्त देवेन्द्र के रूप में कराया. अपने विश्वास में लेकर कहा कि उसका बेटा अस्पताल में एडमिट है. उसको 10 हजार रुपये की जरूरत है. इसके बाद आरोपी ने पीड़ित के पास एक यूपीआई आईडी भेजकर कहा कि पैसे उसके भतीजे के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवा दो.


आरोपियों को पुलिस ने यहां से दबोचा 


उसने 10 हजार रुपये ट्रांसफर करवा दिए. इस तरह से उसके साथ ठगी हो गई. इस ठगी की उसने पुलिस को शिकायत दी. इस शिकायत पर थाना साइबर अपराध मानेसर में केस दर्ज किया गया. प्रबंधक थाना साइबर अपराध मानेसर के निरीक्षक संदीप अहलावत की टीम ने इस वारदात में बैंक खाता उपलब्ध कराने वाले कोटक महिंद्रा बैंक के तीन मैनेजर समेत चार आरोपियों को काबू करने में बड़ी सफलता हासिल की है.


आरोपियों की पहचान मोहित राठी, महेश कुमार, विश्वकर्मा मौर्य और हयात के रूप में हुई है. पुलिस टीम की तरफ से 21 फरवरी 2024 को बिलासपुर जिला गुरुग्राम से आरोपी मोहित राठी को, 22 फरवरी 2024 को गांव कलवाड़ी से आरोपी महेश कुमार को, 26 फरवरी 2024 को आरोपी विश्वकर्मा मौर्या को मानेसर से तथा आरोपी हयात को मेवात से काबू किया गया है.  आरोपी मोहित राठी गुरुग्राम के गांव राठीवास का, महेश कुमार गुरुग्राम के गांव कलवाड़ी का, महेश विश्वकर्मा मौर्या निवासी गांव रामपुर जिला मऊ यूपी, हयात निवासी गांव सालाका जिला मेवात का रहने वाला है.


पुलिस पूछताछ में हुआ बड़ा खुलासा


पुलिस पूछताछ में पता चला है कि आरोपी मोहित राठी बतौर असिस्टेंट मैनेजर, आरोपी महेश कुमार बतौर डिप्टी मैनेजर और आरोपी विश्वकर्मा मौर्या बतौर डिप्टी मैनेजर कोटक महिन्द्रा बैंक शाखा एमजी रोड गुरुग्राम में कार्यरत थे. आरोपी हयात के माध्यम से वे मेवात में साइबर ठगी के सरगना से मिले थे. उसके बाद से ये लगातार साइबर ठग के संपर्क में रहकर उसे साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने में प्रयोग करने के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराते थे.


खाते उपलब्ध कराने के बदले ये साइबर ठग से 15-20 हजार रुपए प्रति बैंक खाता उपलब्ध कराने के लेते थे. पहले ये आरोपी हयात के माध्यम से साइबर ठगों को बैंक खाते उपलब्ध कराते थे. अभी वर्तमान में साइबर ठगों से इनका सीधा संपर्क था. जिस पीड़ित से साइबर ठग की तरफ से जिस बैंक खाते में रुपये ट्रांसफर कराए गए थे, वो बैंक खाता भी इन्हीं आरोपियों की तरफ से ही खोला गया था. इनके तरफ से ही साइबर ठगों को खाता उपलब्ध कराया गया था.


एसे करते थे गुमराह


आरोपी मोहित राठी, महेश कुमार और विश्वकर्मा मौर्य पिछले करीब सात महिनों से कोटेक महिंद्रा बैंक में नौकरी कर रहे थे. इस दौरान ये करीब दो हजार बैंक खाते खोल चुके थे. आरोपी बिलासपुर एरिया में स्थित कंपनियों में कार्य करने वाले कच्चे कर्मचारियों को गुमराह करके उनसे उनके दस्तावेज ले लेते थे. उनके नाम से बैंक खाता खोलकर बैंक खाते की किट अपने पास रख लेते थे. फिर इन्हीं बैंक खातों को ये साइबर ठगों को दे देते थे. क्या यह सभी बैंक खाते फ्रॉड करने के लिए इस्तेमाल हुए है या नहीं, इस बारे में जांच की जा रही है.


(राजेश यादव की रिपोर्ट)


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