Haryana: गुरुग्राम के ग्रामीण भूमि अधिग्रहण के खिलाफ, धरने पर बैठे किसानों की सरकार को चेतावनी- 'उचित मुआवजा दो या...'
Gurugram Farmers protest: हरियाणा सरकार ने दीनदयाल आवास योजना के लिए कासन और आसपास के 25 गांवों की 1,128 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था. अब भूमि अधिग्रहण के फैसले का किसान विरोध कर रहे हैं.
Haryana News: दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम में हरियाणा सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहण किए जाने के विरोध में पिछले सवा साल से धरने पर बैठे किसानों की सुध लेने को कोई तैयार नहीं हो रहा है. इससे नाराज किसान अब धरने पर बैठ गए हैं. गुरुग्राम के कासन और आसपास के किसान मानेसर में धरने पर बैठे हैं. अब पचगांव और आसपास के किसान पचगांव चौक पर धरने पर बैठ गए हैं.
सरकार उचित मुआवज दें या अधिग्रहण करे रद्द
किसानों ने हरियाणा के मुख्यमंत्री से लेकर तमाम राजीनीतिक दलों से गुहार लगाने के बाद भी किसी तरह आ आश्वासन न मिलने के बाद धरने पर बैठने का फैसला मजबूरन लिया है. अप्रैल से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे किसानों ने महापंचायत कर हरियाणा सरकार से भूमि अधिग्रहण रद्द किए जाने या फिर उचित मुआवजा दिए जाने ही गुहार लगाई है. यह कोई पहला मौका नही है जब धरने पर बैठे किसानों ने महापंचायत की है. इससे पहले भी कई बार किसानों ने महापंचायत कर सरकार को मांगपत्र सौपा है, लेकिन फिर भी हरियाणा सरकार किसानों की सुध लेने को तैयार नही है. धरने पर बैठे किसानों की मॉने तो वह अपनी जमीन किसी भी कीमत पर नही देंगे चाहे उन्हें प्राण ही क्यो न देने पड़े. वह पीछे नही हटेंगे.
सरकार 2.5 करोड़ मुआवजा देने को तैयार
दरअसल, मानेसर के तहसीलदार का कहना है कि मनोहर लाल खट्टर सरकार द्वारा कासन, सहरावन, कुकडोला समेत 22 अन्य गावों की जमीनों का अधिग्रहण करने के बाद विवाद बढ़ता ही जा रहा है. प्रदेश सरकार किसानों को ढाई करोड़ रुपये प्रति एकड़ तक मुआवजा देने के लिए तैयार है. वहीं, किसानों की मानें तो 11 करोड़ की जमीन के ढाई करोड़ कैसे ले लें. इसी मांग को लेकर ग्रामीण धरने पर बैठ गए हैं. समय-समय पर महापंचायत कर सरकार को मांग पत्र देने के साथ-साथ चेतावनी भी जारी कर रहे हैं कि अगर सरकार ने जबरदस्ती उनकी जमीन अधिग्रहण की तो वह किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं. चाहे, उन्हें प्राण ही क्यों न देने पड़े, लेकिन जमीन नही देंगे.
किसान कम मुआवजा लेने के तैयार नहीं
बता दें कि हरियाणा सरकार ने दीनदयाल आवास योजना के लिए जमीन का अधिग्रहण किया था. बीते सवा साल से कासन और उसके आसपास के 25 गांव की 1,810 एकड़ जमीनों के अधिग्रहण को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. सैकड़ों किसान परिवार जमीनों के अधिग्रहण को रद्द करने या उचित मुआवजा दिलवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. किसानों ने सरकार को जमीन अधिग्रहण के मामले में अब आर पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है.
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