Gurugram Latest News: हरियाणा के गुरुग्राम में सीएम फ्लाइंग स्क्वाड, जिला स्वास्थ्य विभाग और गुरुग्राम पुलिस की एक संयुक्त टीम ने किडनी ट्रांसप्लांट गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस गिरोह के द्वारा जयपुर के 2 निजी अस्पतालों में कथित तौर पर पैसे के लिए अवैध रूप से किडनी ट्रांसप्लांट किया जाता था. पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रत्यारोपण के बाद गिरोह कथित तौर पर मरीज और किडनी दाता को गुरुग्राम के एक गेस्ट हाउस में रुकवाता था.


सीएम फ्लाइंग स्क्वाड, जिला स्वास्थ्य विभाग और गुरुग्राम पुलिस की एक संयुक्त टीम ने गुरुवार को गेस्ट हाउस पर छापा मारा जहां उन्हें कथित तौर पर 2 किडनी देने वाले और तीन किडनी प्राप्त करने वाले लोग मिले. जिसको लेकर सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. पुलिस गिरोह के मास्टरमाइंड झारखंड के मूल निवासी मोहम्मद मुर्तजा अंसारी को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है. उन्होंने बताया कि अंसारी ने कथित तौर पर किडनी प्राप्तकर्ताओं से 10 लाख रुपए लिए थे और किडनी देने वालों को 2 लाख रुपये दिए थे.


गेस्ट हाउस में छापेमारी के दौरान 5 लोग काबू
गुरुग्राम के डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. पवन चौधरी द्वारा दायर शिकायत के अनुसार, सेक्टर 39 के एम/एस बाबिल पैलेस में एक गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की गई थी. पुलिस ने बताया कि सेक्टर 39 के गेस्ट हाउस में अंसारी द्वारा अंग प्रत्यारोपण का गोरखधंधा चलाए जाने की सूचना मिली थी. पुलिस ने कहा कि जब छापेमारी टीम गेस्ट हाउस पहुंची, तो उसके मालिक रोहित ने खुलासा किया कि पांच मेहमान, जो कथित तौर पर बांग्लादेश से थे, वहां ठहरे हुए थे और उन्हें संदेह था कि वे अंसारी द्वारा लाए गए मरीज थे. 


किडनी देने और लेने के नहीं मिले कोई कागजात
डॉ. चौधरी ने बताया कि बातचीत के दौरान पता चला कि गेस्ट हाउस में पहुंचे वो लोग किडनी देने वाले और खरीदने वाले थे. उनका इलाज जयपुर के एक अस्पताल में किया गया था. किडनी दाता और प्राप्तकर्ता का कोई रक्त संबंध नहीं होता है. जब किडनी दाताओं और प्राप्तकर्ताओं से अनापत्ति प्रमाण पत्र या प्राधिकरण से किसी अनुमति के बारे में पूछताछ की गई तो किडनी देने वाले और उसे लेने वाले कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाए. 


फेसबुक पर दिया गया था किडनी बेचकर पैसे कमाने का लालच
किडनी देने वाले शमीम मेहंदी हसन ने खुलासा किया कि उन्हें फेसबुक विज्ञापन के माध्यम से किडनी बेचकर पैसे कमाने के बारे में एक व्यक्ति के बारे में पता चला और उन्होंने मोहम्मद मुर्तजा अंसारी से संपर्क किया. वहीं डॉ. पवन चौधरी ने कहा कि मानव अंगों और ऊतकों के प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 का उल्लंघन है और धोखाधड़ी का कृत्य है. शिकायत के बाद, गुरुवार को सदर पुलिस स्टेशन में अंसारी और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120-बी (आपराधिक साजिश) और मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 की धारा 19 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई हैं.


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