Haryana News: गुरुग्राम में कूड़ा प्रबंधन नहीं करने वाली एजेंसियों पर गाज गिरी है. नगर निगम ने सात एजेंसियों का ठेका रद्द कर दिया है. कूड़ा प्रबंधन में लापरवाही की लगातार शिकायत नगर निगम को मिल रही थी. नगर निगम के ज्वाइंट कमिश्नर (स्वच्छ भारत मिशन) नरेश कुमार ने डी- एंपैनल का आदेश जारी किया है. बता दें कि गीले कचरे को खाद में तब्दील करने के लिए 17 एजेंसियों को ठेका दिया गया था.
गीले कचरे को खाद में तब्दील करने की नगर निगम की योजना पर सातों एंजेंसियों ने पानी फेर दिया है. रोजाना 100 टन से ज्यादा कचरा निकलने पर गीले कचरे का प्रबंध कर खाद बनाने के लिए कंपोस्ट यूनिट बनाने की योजना थी. योजना के फ्लॉप होने का एक बड़ा कारण नगर निगम की जल्दबाजी भी थी. नगर निगम के अधिकारियों ने सही तरीके से कचरा उठाने वाली एजेंसियों का चयन नहीं किया.
कूड़ा प्रबंधन में लापरवाही पड़ी भारी
सातों एंजेसियां खाद बनाने की बजाय गाड़ियों से कूड़ा उड़ाने का कर रही थीं. ज्वाइंट कमिश्नर नरेश कुमार ने कहा कि कूड़ा प्रबंध के काम में लापरवाही बरतने पर सातों एजेंसियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. सूत्रों के अनुसार नगर निगम ने चहेतो को ठेका अलॉट किया.
लगातार मिल रही शिकायत के बाद सातों एजेंसियों को नोटिस थमा कर बाहर कर दिया गया है. गौरतलब है कि गुरुग्राम में कूड़ा की समस्या से लोग परेशान हैं. नगर निगम के अधिकारियों ने चहेतों को कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी दिला दी. शहर में जगह-जगह कूड़े का अंबार लगा हुआ है.
सात एजेंसियों का ठेका किया निरस्त
कहने वाले कह रहे हैं अधिकारियों की नाक के नीचे कूड़े का ढेर लगा हुआ है. नगर निगम की तरफ से साफ सफाई के दावे की हवा अधिकारी निकाल रहे हैं. सातों एजेंसियों को फिलहाल नगर निगम ने नोटिस थमा कर बाहर कर दिया है. बाकी बची हुई एजेंसियों के खिलाफ नगर निगम की कार्रवाई आने वाले समय में पता चलेगी.
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