गुरुग्राम: सरकार द्वारा महिला सुरक्षा के तमाम दावे किए जाते हैं लेकिन सच यही है कि महिलाएं या लड़कियां कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं. हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम (Gurugram) में रहने वाली एक युवती ने खुद के साथ हुए एक वाकये को ट्विटर पर शेयर किया. युवती ने जो आपबीती को ट्विटर पर शेयर किया उसने लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए.
ट्विटर प्रोफाइल के मुताबिक, कम्युनिकेशन्स स्पेशलिस्ट निष्ठा ने अपने लंबे-चौड़े थ्रेड में बताया कि उसे एक ऑटो रिक्शा डाइवर द्वारा अगवा करने की कोशिश की गई थी. युवती के ट्वीट के मुताबिक उसके साथ ये घटना गुरुग्राम के सेक्टर 22 में हुई थी. यहां ये उसका घर महज सात मिनट की दूरी पर है. युवती ने बताया कि उसे बचने के लिए चलते हुए ऑटो रिक्शा से कूदना पड़ा.
ऑटो ड्राइवर ने जानबूझकर ऑटो गलत दिशा में मोड़ लिया
युवती ने बताया कि उसने घर के लिए ऑटो लिया था. लेकिन ऑटो ड्राइवर ने जानबूझकर ऑटो गलत दिशा में मोड़ लिया और अनजानी रोड पर चलाता, वहीं जब उसने इसके बारे में पूछा तो ड्राइवर ने कोई जवाब नहीं दिया.
निष्ठा लिखती हैं कि, “ कल का दिन मेरी लाइफ का सबसे खौफनाक दिन था, क्योंकि मुझे लगता है, मुझे तकरीबन अगवा कर ही लिया गया था....मैं नहीं जानती, वह क्या था, लेकिन अब भी मेरे रोंगटे खड़े हो रहे हैं.... दोपहर को लगभग 12 बजकर 30 मिनट हुए थे, मैंने घर जाने के लिए गुरुग्राम के सेक्टर 22 के बेहद बिजी मार्केट से ऑटो लिया था जो मेरे घर से सिर्फ सात मिनट की दूरी पर है... मैंने ड्राइवर से कहा कि मैं पेटीएम से किराया दूंगी, क्योंकि मेरे पास कैश नहीं है. देखने से लग रहा था कि वह उबर के लिए ऑटो चलाता था...वह मान गया और फिर मैं उसके ऑटो में बैठ गई. वह उस समय तेज वॉल्यूम में भजन सुन रहा था.
बार-बार पूछने पर भी ऑटो ड्राइवर ने कोई जवाब नहीं दिया
निष्ठा आगे लिखती हैं, “ हम एक टी प्वाइंट पर पहुंचे, यहां से मेरे घर वाले सेक्टर के लिए दाएं टर्न करना था लेकिन उसने ऑटो बाएं मोड़ लिया... मैंने उससे पूछा कि उसने बाएं क्यों मोड़ा... लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया.. वह जोर-जोर से ऊपर वाले ( मैं धर्म का जिक्र नहीं करना चाहती, क्योंकि यह किसी धर्म से जुड़ा नहीं है) का नाम लेने लगा...”
निष्ठा आगे लिखती हैं कि, “ मैं अब चीखने लगी-“ भैया मेरा सेक्टर राइट में था आप लेफ्ट में क्यों ले जा रहे हैं.. लेकिन उसने जवाब नहीं दिया और काफी आवाज में ऊपर वाले का नाम लेने लगा. मैंने उसके लेफ्ट कंधे पर 8 से 10 बार मारा लेकिन उसने कोई रिस्पांस नहीं दिया. उस वक्त मेरे दिमाग में सिर्फ यही ख्याल आया कि चाहे कुछ हो जाए बाहर कूद जाऊं... उस समय ऑटो की स्पीड 35 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा थी, इससे पहले वह स्पीड बढ़ाता मैं यहीं सोचा कि कुछ अनहोनी होने से बेहतर हड्डियां टूट जाना होगा.... और मैं चलते हुए ऑटो से बाहर कूद गई...मैं नहीं जानती मेरे अंदर इतनी हिम्मत कहां से आई गई...
पुलिस ने कहा कि ऑटो ड्राइवर को तलाश कर लिया जाएगा
वहीं इस मामले में गुरुग्राम के पालम विहार के पुलिस अधिकारी जितेंद्र यादव ने कहा कि वे ऑटो रिक्शा ड्राइवर की तलाश कर रहे हैं. निष्ठा का कहना है कि वह ऑटो रिक्शा का नंबर नोट नहीं कर पाई थी. वहीं पुलिस उस इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल सकती है.
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