(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Gurugram: रामलीला में राम वनवास के दृश्य के किया भावुक, राजा दशरथ बने शख्स ने लूटी वाहवाही
Gurugram Ramlila: गुरुग्राम के जैकमपुरा स्थित श्री दुर्गा रामलीला के पांचवें दिन राम के राजतिलक की तैयारियों से लेकर उनके वनवास तक की लीला का मंचन किया गया. राम लीला ने लोगों को काफी प्रभावित किया.
Gurugram News: दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम के जैकमपुरा स्थित श्री दुर्गा रामलीला के पांचवें दिन राम के राजतिलक की तैयारियों से लेकर उनके वनवास तक की लीला का मंचन किया गया. रानी कैकेयी द्वारा राम को वनवास और भरत को अयोध्या का राजा बनाने के वर मांगने से लेकर राम, लक्ष्मण व सीता के वनवास होने तक की लीला दिखाई गई. इस लीला ने सभी को भावुक कर दिया. वर्षों तक रावण की दमदार भूमिका निभाने के बाद इस बार बनवारी लाल सैनी ने राजा दशरथ का रोल किया और हिट हो गए.
कैकेयी ने मांगा वरदान
लीला में दिखाया गया कि अयोध्या नगरी में खुशी-खुशी दिन बीत रहे थे. अयोध्या में राम के राजतिलक की तैयारियां चल रही थी. इसी बात को रानी कैकेयी से सांझा करने के लिए जब दशरथ उनके महल में जाते हैं तो वहां अंधेरा छाया होता है. इसका कारण वे मंथरा दासी से पूछते हैं तो वे कुछ नहीं बताती. इसके बाद राजा दशरथ खुद उनके महल में जाते हैं तो रानी कैकेयी कोप भवन में लेटी हुई थी. इसका कारण वे बार-बार पूछते हैं, तो रानी उन्हें उनके द्वारा दो वचनों की याद दिलाती है. राजा दशरथ दोनों वचन मांगने को कहते हैं, लेकिन रानी राजा दशरथ को पहले राम की कसम खाने की बात पर कहती हैं, ये चिकनी चुपड़ी बातें करके अबला को न बहलाएं, सच्चे हैं तो रघुवंशी सौगंध राम की खाएं. इस पर राजा दशरथ राम की कसम खाते हैं. फिर कैकेयी बोली-लो सुनो प्राणपति प्राणनाथ ये दासी आज मांगती है, कौशल्या नंदन के बदले निज सुत को राज मांगती है. प्रण जो कि दूसरा है मेरा लो सुन लो-ये राम जो राजा होते हैं तो राजा नहीं उदासी है, इसलिए राम को कल से ही 14 वर्षों के वनवास पर भेज दिया जाए. यह सुनकर दशरथ अचेत हो जाते हैं.
माता-पिता की आज्ञा का किया पालन
वनवास की बात पर राम कहते हैं यह तो खुशी की बात है कि माता-पिता की आज्ञा का पालन करने का उन्हें सौभाग्य मिल रहा है. मां कौशल्या राम को वनवास में भेजने को तैयार नहीं होती. इसके बाद माता कौशल्या उन्हें वन में जाने से एक बार फिर रोकती हैं तो राम इसे अपना धर्म बताकर वन में जाने की बात पर अडिग रहते हैं. जिद करने पर वे सीता को भी साथ चलने की आज्ञा दे देते हैं. वनवास की बात सुनकर लक्ष्मण भी राम के पास आते हैं और साथ चलने की जिद करते हैं. राम उसे भी साथ लेकर चलने को राजी हो जाते हैं और तीनों राम, लक्ष्मण व सीता भगवा धारण करके वनवास की ओर चले जाते हैं. (राजेश यादव की रिपोर्ट)