Gurugram: 8 मीटर धंसा गुरुग्राम-सोहना फ्लाईओवर, मरम्मत के 8 महीने बाद ठीक उसी जगह हुआ गड्ढा
Gurugram Sohna Flyover: हरियाणा के गुरुग्राम में एक फ्लाईओवर पर ठीक उसी जगह गड्ढा हुआ है, जहां पहले भी मरम्मत कराने में तीन महीने लगे थे. इसमें एक बस भी फंस गई थी जिसे निकाल लिया गया है.
Gurugram Sohna Flyover News: गुरुग्राम में एक फ्लाईओवर में मरम्मत के आठ महीने बाद फिर से गड्ढे हो गए. यह गुरुग्राम-सोहना एलिवेटेड फ्लाईओवर है. इसमें आठ मीटर गहरा गड्ढा हो गया जिसमें स्टूडेंट्स को ले जा रही एक बस का पहिया फंस गया. हालांकि बड़ी दुर्घटना होने से बच गई, क्योंकि एक अन्य बस का इस्तेमाल फंसे हुए बस को खींचने में किया गया. इसके बाद स्कूल बस की यात्रा दोबारा शुरू हुई.
घटना को लेकर एक अधिकारी ने बताया कि गड्ढा लगभग 8 मीटर गहरा और दो फीट चौड़ा था. जो कि सोहना जाने वाले रास्ते में एसडी आदर्श विद्यालय के सामने हो गया था. जानकारी मिलने के बाद सड़क निर्माण कंपनी की एक टीम और गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटिन डेवलपमेंट अथॉरिटी मौके पर पहुंची और गड्ढे के चारों तरफ बैरिकड लगा दिया.
गड्ढे के कारण बंद करना पड़ा सड़क का एक हिस्सा
मार्ग का 30 प्रतिशत हिस्सा बंद करना पड़ा. इस चार लेने के रोड पर दिसंबर महीने में भी गड्ढा हो गया था जो कि पांच फीट गहरा और दो फीट चौड़ा था. गड्ढा उसी स्थान पर हुआ था जहां इस बार हुआ है. इस गड्ढे को भरने में तीन महीने लगे थे और अब यहां फिर से गड्ढा हो गया है.
2021 में ऑपरेशनल हुआ है फ्लाईओवर
अगस्त 2020 में फ्लाईओवर के दौरान सड़क ढह गई थी, जिस वजह से काम अस्थायी रूप से रुक गया था. 2019 में फ्लाईओवर का निर्माण शुरू हुआ, जिसका दो फेज 2021 में पूरा हुआ. 2021 में यह आम लोगों के लिए खोल दिया गया था. इस 21 किलोमीटर फ्लाईओवर को बनाने में 1944 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.
एक्सप्रेस-वे का निर्माण करने वाली कंपनी ओरिएंटल के प्रोजेक्ट मैनेजर राकेश भारद्वाज भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि इसमें निर्माण कंपनी का कोई फॉल्ट नहीं है. जीएमडीए की यह लाइन है. जीएमडीए ही इस पर काम करेगा. मौके पर मौजूद जीएमडीए के अधिकारी ने कहा कि जिस समय यह सड़क बनाई गई थी, तब जीएमडीए की ओर से एनएचएआई को एक एस्टीमेट दिया गया था, जिसके तहत इस लाइन को शिफ्ट किया जाना था.
जीएमडीए के अधिकारी ने बताया कि एनएचएआई ने जीएमडीए के उस प्रपोजल पर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. अधिकारी ने बताया कि जीएमडीए की यह मास्टर सीवर लाइन है. उस समय तो शिफ्टिंग का काम आसानी से किया जा सकता था, अब काफी मुश्किल है, क्योंकि सड़क शुरू होने से यातायात काफी बढ़ गया है. इसे दुरुस्त करने के लिए 30 प्रतिशत सड़क को बंद करना पड़ेगा. गड्ढे की गहराई 8 मीटर है. छह मीटर पाइन लाइन का टॉप है. सीवरेज लाइन में पानी को बंद करके, सुखाकर फिर इसका मैंटनेंस हो पाएगा.
(राजेश यादव की रिपोर्ट)
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