Haryana News: हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (HSGMS) में चल रही खींचतान पर अब लगाम लग गई है. महासचिव के तौर पर अब गुरविंद्र सिंह धमीजा (Gurvinder Singh Dhamija) ही कमान संभालने वाले हैं. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) के हस्तक्षेप के बाद मामले का निपटारा हो पाया है.


दोनों गुटों में चल रही खींचतान को शांत करवाने के प्रयास सरकार की तरफ से पहले ही शुरू कर दिए गए थे, लेकिन एग्जीक्यूटिव काउंसिल मानने को तैयार नहीं था. जिसके बाद सीएम खट्टर ने क्लीयर किया कि कमेटी के मुख्य पावर प्रधान बाबा करमजीत सिंह होंगे और महासचिव के तौर पर अब गुरविंद्र सिंह धमीजा उनकी मदद करेंगे. सीएम खट्टर की तरफ से कमेटी को एकजुटता का संदेश दिया गया. अब धमीजा 17 जून को अपना कार्यकाल संभाल सकते है. 


सीएम खट्टर ने कराई सुलह


मीडिया रिपोर्टस की माने तो सीएम हाउस में एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सभी सदस्यों के साथ सीएम मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार रात को मीटिंग की थी. इस मीटिंग में पूर्व प्रधान बलजीत सिंह दादूवाल भी शामिल हुए. दादूवाल ने ही बाबा करमजीत सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था. दोनों के बीच सीएम के तरफ से सुलह कराई गई. आपको बता दें कि मई में एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने धमीजा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा था कि उन्हें महासचिव के पद से हटाकर मोहनजीत सिंह पानीपत को सचिव बनाया जा रहा है. 


‘सब मिलकर करेंगे काम’


हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान बाबा करमजीत सिंह ने कहा कि सीएम मनोहर लाल खट्टर के साथ उनकी मीटिंग हुई है. कमेटी के सब सदस्यों के गिले-शिकवे दूर हो गए है और महासचिव के तौर गुरविंद्र सिंह धमीजा को वापस ले लिया गया है. अब कमेटी सदस्यों में कोई मतभेद नहीं है. बताया जा रहा है कि धमीजा के समर्थन में कई सदस्यों ने साइन कर एक पत्र भी दिया था. धमीजा करनाल के रहने वाले है और सीएम खट्टर के करीबी माने जाते है. जिसकी वजह से कमेटी के सदस्यों में वापसी विवाद को खत्म करने के लिए सीएम को हस्तक्षेप करना पड़ा. 


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