Lohri Celebration 2022: हर साल की तरह इस साल भी लोहड़ी का पर्व 13 जनवरी यानि कल मनाया जाएगा. लोहड़ी विशेष रूप से शीतकालीन संक्रान्ति के बीतने की याद दिलाता है. जो ठंडक के बीतने और बसंत ऋतु की शुरुआत मानी जाती है. नीसोलर बिक्रमी (Lunisolar Bikrami) कैलेंडर के सौर भाग के मुताबिक हर साल मकर संक्रांति से पहले वाली रात मनाया जाता है. यहां आपको बता रहे हैं लोड़ही के कुछ बधाई संदेश के बारे में जिन्हें भेजकर आप अपने दोस्तों और परिवारजनों को ये शुभकामनाएं दे सकते हैं.
लोहड़ी के शुभकामना संदेश
दिल की ख़ुशी और अपनों का प्यार
मुबारक हो आपको लोहड़ी का त्यौहार
लोहड़ी की शुभकामनाएं.
हम आपके दिल में रहते हैं
इसलिए हर गम सहते हैं
कोई हम से पहले ना कह दे आपको
इसलिए हम पहले ही आपको “हैप्पी लोहड़ी” कहते हैं.
लोहड़ी का प्रकाश,
आपकी जिंदगी को प्रकाशमय कर दे,
जैसे-जैसे लोहड़ी की आग तेज हो,
वैसे-वैसे ही हमारे दुखों का अंत हो
हैप्पी लोहड़ी 2022
पंजाब भंगड़ा दे मक्खन मलाई,
पंजाबी तड़का ते दाल फ्राइ,
त्वानू लोहड़ी दी लख लख वधाई
हैप्पी लोहड़ी 2022
फिर आ गया मौसम मक्की दी रोटी और सरसों दे साग का,
सबको मुबारक हो लोहड़ी का ये त्योहार.
Wishing a wonderful colorful Lohri 2022
मूंगफली, तिल और गुड लाए आपके जीवन में खुशियाँ,
लोहड़ी का प्रकाश कर दे रोशन आप के आने वाले कल को.
Best wishes on this Lohri Festival.
इससे पहले कि लोहरी की शाम हो जाये
मेरा sms औरों की तरह आम हो जाये
और सारे मोबाइल नेटवर्क जाम हो जाये
आपको लोहरी की शुभकामनाएं
हैप्पी लोहड़ी
बल्ले बल्ले ओ, लोहरी आ गई ओये,
आर्डर...आर्डर...आर्डर...
तमाम सबूतों और गवाहों को नज़र में रखते हुए,
मेसेज पढने वाले को हैप्पी लोहरी कहते हुए,
ज़िन्दगी भर खुश रहने का हुकुम सुनाया जाता है।
लोहड़ी दी लाख-लाख वधियाँ ते चलो मिलकर
लोहड़ी दे गीत गिये ते नाचिये!
लोहड़ी की आग में दहन हो सारे गम,
खुशियों आएं आप के जीवन में हरदम।
हैप्पी लोहड़ी!
ट्विंकल ट्विंकल यारां दी कार,
खड़के ग्लासी इन दी बार,
पंजाबी भंगड़ा ते मक्खन मलाई,
तुहानू लोहरी दी लख लख वधाई।
हैप्पी लोहड़ी!
बोल तुम्हे लोहड़ी पे क्या उपहार दू,
दोस्ती चाहिए या जान दे दू,
स्कूटर, मोटर साइकिल, या कार दू,
बस इतने से ही हो जाओ खुश,
या दो चार और गपे मर दू..
हैप्पी लोहड़ी…
हवाओं के साथ अरमान भेजा है
नेटवर्क के जरिए पैगाम भेजा है
फुर्सत मिले तो कबूल कर लेना
हमने सबसे पहले आपको लोहड़ी का पैगाम भेजा है.
पौष माह का अंतिम दिन और सबसे लंबी रात,
सभी बुराई खत्म करे, अब पर्वों की सौगात,
आसमान में रंगबिरंगी उड़ती फिरें पतंग
लोहड़ी पर सब रंग अग्नि, संग भरें नई उमंग..
क्यों मनाया जाता है लोहड़ी
लोहड़ी के उत्सव से जुड़ी ही कई मान्यताएं हैं. कुछ मान्यताओं में इसकी शुरुआत हिमालय के पर्वतीय क्षेत्र को दिया जाता है, जहां देश के बाकी हिस्सों की तुलना में सर्दियों में ठंडक होती है. वहीं कुछ लोग रबी की फसल की कटाई के हफ़्तों बाद अलाव के किनारे इकट्ठे हो कर शीतकालीन संक्रांति के बीतने आने वाले बंसंत जे मौसम के स्वागत के रूप में जश्न मनाते हैं. जबकि कुछ लोग इस पर्व को सूर्य से जोड़ कर देखते हैं, जिसके मुताबिक भक्तों को उम्मीद होती है कि इसके बाद सूर्य देवता उन्हें गर्मी देने के लिए वापस आजायेंगे.
एक दूसरी किवदंती में लोहड़ी के उत्सव की शुरुआत दुल्ला भट्टी की कहानी से मान जाता है. वह पंजाब इलाके के एक स्थानीय नायक थे, जिन्हें अकबर के शासनकाल के दौरान लोगों के रक्षक के रूप में माना जाता है. दुल्ला भट्टी ने कुछ युवा लड़कियों को गुलामी से बचा कर उनकी रक्षा की थी. उनकी कहानी पंजाबी लोक कथाओं में शामिल है. लोहड़ी में दुल्ला भट्टी मनाया जाता है, जिस पर नाच और गाने गए जाते हैं.
वहीं दूसरी मान्यताओं के मुताबिक जिस घर में नया शादीशुदा जोड़ा हो या जिस घर में बच्चे का जन्म हुआ हो, उस परिवार के लोग लोहड़ी को खास अंदाज में मनाते हैं. नई दुल्हन और बच्चे की पहली लोहड़ी काफी खास मानी जाती है. इस दिन लोग फसलों की अच्छी पैदावार के लिए ईश्वर और प्रकृति को धन्यवाद देते हैं. साथ ही भविष्य में भी खेतों की अच्छी फसल की कामना करते हैं.
रात के समय लोग अपने घरों के बाहर लोहड़ी जलाते हैं. लोहड़ी की आग में मक्के और तिल को अर्पित किया जाता है. महिलाएं और पुरुष पारंपरिक वेशभूषा में लोकगीत गाते हुए इस मुबारक मौके पर खुशियां मनाते हैं. लोहड़ी की बधाई देते हैं.
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