Haryana News: हरियाणा में 75 साल पुराने पेड़ों को भी मिलेगी पेंशन? जानें क्या है खट्टर सरकार की ये खास योजना
Haryana: गुरुग्राम जिला वन अधिकारी कहा कि, ऐसे पुराने पेड़ों को जो ऑक्सीजन का मुख्य स्रोत हैं उसे हरियाणा सरकार द्वारा 'प्राण वायु देवता नामक योजना' के तहत प्रति वर्ष 2,500 रुपये की पेंशन दी जाएगी.
Gurugram News: दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम में 75 साल से अधिक पुराने पेड़ों को अब वन विभाग की ओर से 2,500 रुपये वार्षिक पेंशन मिलेगी. गुरुग्राम वन विभाग ने अब तक 40 पेड़ों की पहचान की है. गुरुग्राम में पेड़ों के मालिकों को रख रखाव के लिए या जंगल या रोड पर लगे पेड़ों की देखभाल करने वाले लोगों को वन विभाग ने आवेदन करने के लिए कहा है, जो इसी साल नवंबर तक करना होगा. जिला वन अधिकारी राजीव तेज्यान कहा कि, ऐसे पुराने पेड़ों को जो ऑक्सीजन का मुख्य स्रोत हैं उसे हरियाणा सरकार द्वारा 'प्राण वायु देवता नामक योजना' के तहत प्रति वर्ष 2,500 रुपये की पेंशन दी जाएगी.
पेड़ों के रख रखाव के लिए सौंपा जिम्मा
गुरुग्राम के जिला वन अधिकारी राजीव तेज्यान ने बताया कि, उन्होंने पेड़ों की परिधि और विभाग द्वारा निर्धारित अन्य मानदंडों के आधार पर पेड़ों की उम्र की पहचान की है. उन्होंने ये भी बताया की इन पेड़ों के ठीक ढंग से रखरखाव सुनिश्चित करने, पोषक तत्व प्रदान करने और इन पेड़ों को उचित आकार में रखने के लिए पंचायतों और मंदिर ट्रस्टों जैसे व्यक्तियों और संगठनों जिम्मा सौंपा जाएगा. इसके तहत पेंशन का भुगतान भी किया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि केवल स्वस्थ पेड़ ही इस योजना में आते हैं. गुरुग्राम के जिला वन अधिकारी राजीव तेज्यान ने बताया कि, जिले में जिस पेड़ की पहचान की गई है वो पेड़ जिले के सभी तहसीलों में फैले हुए हैं. इन पेड़ों में कदंब, इंद्रोख, बरगद, पीपल, नीम और जंड के पेड़ शामिल हैं.
पेड़ जिले की सभी तहसील में
ये पेड़ ज्यादातर सरकारी स्कूलों में, गांव के तालाबों और मंदिरों के पास है. इनमें से कुछ पेड़ अरावली की तलहटी में हैं. गुरुग्राम जिले के वन विभाग के अधिकारी आगे ने बताया कि ये पेड़ साझा विरासत का हिस्सा हैं और ये जीवन के लिए ऑक्सीजन का सबसे बड़ा स्रोत हैं. इससे साथ-साथ वन अधिकारी ने यह भी कहा कि ऐसे पेड़ जीवन के लिए बहुत जरूरी है. जिन्हें संरक्षित करने की जरूरत है. इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी बताया की इसके अलावा इन पेड़ों की देखभाल करने वाले मालिकों को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहन भी मिलेगा. ताकि और लोगों को भी ऑक्सीजन देने वाले पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया जाए.गुरुग्राम जिला के वन विभाग ने सभी निवासियों से भी अपील की है कि वे ऐसे विरासत वृक्षों की तलाश करें और पेंशन के लिए आवेदन करें.
100 साल से भी पुराना है बरगद का पेड़
इसके बाद वो अंतिम रिपोर्ट तैयार करेंगे और अक्टूबर माह में राज्य सरकार को पेड़ों पर तैयार की गई रिपोर्ट सौंपेंगे. इस रिपोर्ट के आधार पर नवंबर माह में हरियाणा सरकार की और से पेंशन जारी की जाएगी. इसी दौरान जिला वन अधिकारी ने बताया की अभी तक जिले में ऐसे 40 पेड़ों की पहचान की गई है. इस बारे में गुरुग्राम मानेसर के निवासी डॉक्टर धर्मेंद्र यादव व सूरत सिंह नंबरदार ने बताया कि, बाबा न्यारम दास गौशाला मंदिर में लगा बरगद का पेड़ 100 साल से अधिक पुराना है.
इसके साथ साथ उन्होंने भी सूरत सिंह नंबरदार ने बताया कि, इस बरगद पेड़ को पिछले 65 वर्षों से देख रहा हूं और इस पेड़ के बारे में उनके पिताजी भी बताते थे. इसके साथ साथ उन्होंने ये भी बताया कि जब वे 10 साल के थे तब यह पेड़ और भी बड़ा नजर आता था. इसके साथ-साथ उन्होंने ये भी कहा कि, यदि सरकार ऐसे विरासत पेड़ों को मान्यता दे और विशेष रूप से लोगों को प्रेरित करे तो ये और भी अच्छा होगा.
(गुरुग्राम से राजेश यादव की रिपोर्ट)