कुमारी सैलजा का जिक्र कर BJP ने कांग्रेस को दी चुनौती, 'पार्टी अगर दलितों की शुभचिंतक है तो...'
Haryana Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच जमकर घमासान चल रहा है. इस बीच बीजेपी ने कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा को लेकर बड़ा बयान दिया है.
Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस को चुनौती देते हुए बुधवार (28 अगस्त) को कहा कि वह विधानसभा चुनाव के लिए कुमारी सैलजा को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करे, ताकि साबित हो सके कि वह अनुसूचित जाति (एससी) की कितनी बड़ी शुभचिंतक है.
बीजेपी ने यह भी कहा कि वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से ताल्लुक रखने वाले नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करती है. सैनी आगामी एक अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं.
दरअसल, आज ही कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा है कि सांसदों को चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी. लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी.
बीजेपी ने क्या कहा?
हरियाणा बीजेपी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर लिखा, ‘‘बीजेपी ने तो पिछड़े वर्ग से मुख्यमंत्री बना दिया. राहुल गांधी एससी वर्ग का खूब पक्ष रख रहे हैं. कांग्रेस सैलजा को हरियाणा से मुख्यमंत्री प्रत्याशी घोषित करे ताकि पता चले वह समाज के कितने शुभचिंतक हैं.’’
सिरसा से सांसद सैलजा कांग्रेस का एक प्रमुख चेहरा हैं जो दलित समाज से आती हैं. माना जाता है कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सैलजा के साथ नहीं बनती. हुड्डा ने हाल ही में कहा था कि वह ‘‘मैं न तो ‘टायर्ड’ हैं और न ‘रिटायर्ड’ हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि विधानसभा चुनावों में बहुमत मिलने के बाद कांग्रेस आलाकमान इस बात पर फैसला करेगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा?
सिरसा से लोकसभा चुनाव जीतने के कुछ महीने बाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री सैलजा ने आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा भी जताई थी और कहा था कि वह राज्य में काम करना चाहती हैं, लेकिन इस मामले पर अंतिम फैसला हाईकमान लेगा.
कांग्रेस ने क्या कहा?
इस बीच, बीजेपी की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष उदय भान ने ‘पीटीआई-भाषा’ से फोन पर कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी को अपनी चिंता करनी चाहिए, क्योंकि राज्य में उनकी सरकार जाने वाली है. मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के चयन के बारे में भान ने कहा कि कांग्रेस विधायक और पार्टी हाईकमान चुनाव परिणाम आने के बाद ही इस पर फैसला करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ने पहले पंजाब और महाराष्ट्र सहित चार राज्यों में दलित समुदाय के नेताओं को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में आगे किया था.
भान ने कहा, ‘‘बीजेपी को बताना चाहिए कि उन्होंने एससी समुदाय से किसे मुख्यमंत्री बनाया है? उसे यह भी बताना चाहिए कि क्या उसने राजस्थान में पिछला विधानसभा चुनाव लड़ते समय भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया था? क्या उसने (मध्यप्रदेश में) मोहन यादव के चेहरे पर चुनाव लड़ा था? क्या उसने हरियाणा में 2014 में मनोहर लाल खट्टर को अपना चेहरा बनाकर चुनाव लड़ा था?’’
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता टीका राम जूली दलित समुदाय से आते हैं. भान ने कहा, ‘‘एक बात तो साफ है कि बीजेपी ने मान लिया है कि हरियाणा में कांग्रेस सत्ता में आ रही है...’’
बीजेपी की मांग पर तंज
उदय भान ने तंज कसते हुए कहा, ‘‘इसलिए बीजेपी एक अक्टूबर को मतदान की तिथि के आसपास कई अवकाश का बहाना बना रहे हैं और निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर मतदान कुछ दिन टालने के लिए कह रहे हैं...हम यह बात कह रहे हैं कि अगर एक अक्टूबर से पहले मतदान होता है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है और हम तैयार हैं.’’
बीजेपी की हरियाणा इकाई ने पिछले सप्ताह निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर विधानसभा चुनाव के लिए एक अक्टूबर को होने वाले मतदान को कुछ समय के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया था. इसमें चुनाव तिथि से पहले और बाद में अवकाश का हवाला दिया गया था, जिससे मतदान में कमी आ सकती है.
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