Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. निर्वाचन आयोग की ओर से तारीखों के ऐलान के बाद सियासी हलचल काफी बढ़ गई है और यहां के मुद्दों को लेकर भी चर्चा हो रही है. किसान आंदोलन, एमएसपी की गारंटी, अग्निपथ योजना समेत कई मुद्दे यहां की राजनीति में छाए रहे हैं. इन मुद्दों का चुनाव पर कितना असर पड़ेगा ये वहां की जनता तय करेगी.
हरियाणा के मुद्दे क्या हैं?
- किसानों के लिए MSP की गारंटी
- जातीय जनगणना
- अग्निपथ स्कीम / अग्निवीर योजना
- महिला पहलवानों के आरोप
- जाट बनाम गैर-जाट राजनीति
हरियाणा चुनाव की बड़ी बातें
- मनोहर लाल की जगह नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में BJP मैदान में
- कांग्रेस की कमान एक बार फिर भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पास
- 25 फीसदी के करीब वोट के साथ जाट वोटर सबसे असरदार
- पंजाब के बाद सबसे ज्यादा दलित वोटर हरियाणा में
- कांग्रेस का जोर जाट और दलित मतदाताओं पर
- BJP का सबसे ज्यादा जोर OBC मतदाताओं पर
- JJP भी जाट मतदाताओं के सहारे चुनाव मैदान में
- कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन के संकेत नहीं
- AAP ने सभी सीटों पर लड़ने का एलान किया है
- अरविंद केजरीवाल मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले
हरियाणा में कब हैं विधानसभा के चुनाव?
बता दें कि हरियाणा की सभी 90 सीटों पर एक ही चरण में मतदान होंगे. मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने शुक्रवार (16 अगस्त) को घोषणा करते हुए बताया है कि प्रदेश में एक अक्टूबर को मतदान होगा, जबकि 4 अक्टूबर को वोटों की गिनती होगी. इस दिन सभी उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला हो जाएगा.
निर्वाचन आयोग की ओर से घोषित कार्यक्रम के मुताबिक हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना 5 सितंबर को जारी होगी. अलग-अलग पार्टियों के उम्मीदवारों की ओर से नामांकन 12 सितंबर तक दाखिल किए जा सकते हैं. वहीं, नाम वापसी की आखिरी तारीख 16 सितंबर होगी. चुनाव आयोग के मुताबिक हरियाणा के कुल 90 विधानसभा क्षेत्रों में 2.01 करोड़ मतदाता हैं जिनमें 95 लाख महिलाएं हैं.
ये भी पढ़ें: