(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
यूपी फैक्टर से हरियाणा में बिगड़ेगा कांग्रेस का गणित और BJP करेगी बड़ा खेल? समझें पूरा समीकरण
Haryana Election 2024: हरियाणा में इस बार के विधानसभा चुनाव में सियासी समीकरण कुछ अलग बनते दिख रहे हैं. BSP-ASP की हरियाणा में एंट्री से दलित वोटर किस ओर जाएंगे इसको लेकर चर्चाएं तेज हैं.
Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में बीजेपी जहां तीसरी बार सरकार बनाने के लिए पूरी मजबूती के साथ मैदान में उतर चुकी है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस भी सत्ता में वापसी के लिए कड़ी मेहनत कर रही है. इसी बीच इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) और जननायक जनता पार्टी (JJP) ने भी इस बार जीत का सियासी गणित लगाया है. दरअसल, इनेलो ने जहां बहुजन समाज पार्टी (BSP) और जेजेपी ने आजाद समाज पार्टी (ASP) से गठबंधन किया है. इससे इस बार के हरियाणा चुनाव में बड़ा खेल होता दिख रहा है.
दलित वोटर किस ओर जाएंगे, चर्चाएं तेज?
हरियाणा में इनेलो के बसपा और जेजेपी के आजाद समाज पार्टी से हाथ मिलाने के बाद अब दलित वोटर किसकी तरफ जाएंगे, इसको लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. क्योंकि हरियाणा में 21 प्रतिशत दलित वोटर हैं, जो चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं. ऐसे में इस बार दलित वोट बंटने के पूरे चांस हैं.
पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो इनेलो ने प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से 81 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें पार्टी केवल ऐलनाबाद सीट जीत पाई थी. 78 सीटों पर इनेलो की जमानत जब्त हुई थी. वहीं दूसरी तरफ जेजेपी ने 90 में से 87 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से वो केवल 10 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई थी.
ऐसे में इस बार इनेलो-बसपा गठबंधन के तहत 90 में से 53 सीटों पर इनेलो और 37 सीटों पर बसपा अपने उम्मीदवारों को उतारने वाली है. वहीं बात करें जेजेपी-ASP की तो 90 में से 70 सीटों पर जेजेपी और 20 सीटों पर आजाद समाज पार्टी (ASP) अपने उम्मीदवार उतारने वाली है.
किसे मिलेगा फायदा, किसे होगा नुकसान?
हरियाणा में बहुजन समाज पार्टी (BSP) और आजाद समाज पार्टी (ASP) की एंट्री से दलित वोट बंटने का पूरा चांस है. इसका सीधा नुकसान कांग्रेस को हो सकता है. क्योंकि लोकसभा चुनाव में दलित वोट कांग्रेस को मिले थे, जिसकी वजह से वो 5 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी.
वहीं बीजेपी को इसका कुछ खास नुकसान होता नहीं दिख रहा है. जहां कांग्रेस संविधान और आरक्षण को लेकर बीजेपी को घेर रही थी. ये दोनों ही मुद्दे दलितों के काफी करीब माने जाते हैं ऐसे में इनेलो और जेजेपी ने इसी वोट बैंक के आधार पर अब गठबंधन के जरिए बड़ा खेल करने की ठानी है. फिलहाल अब BSP-ASP की हरियाणा में एंट्री से नए सियासी समीकरण बनते दिख रहे हैं.
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