Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनावों का बिगुल बजने के बाद अब मजबूत चेहरों की तलाश में सत्तारूढ़ बीजेपी भी जुट गई है. मंथनों का दौर जारी है और कई स्तर पर सर्वे और फीडबैक लिए जा रहे हैं.


सवाल है कि क्या भारतीय जनता पार्टी तीसरी बार भी गुरुग्राम सीट पर वैश्य समाज के किसी चेहरे को प्राथमिकता देगी या पार्टी इस बार पंजाबी चेहरे पर दांव खेलेगी या फिर इस बार किसी अन्य जाति को भी मौका दिया जा सकता है. पार्टी के अंदर और बाहर इस समय यही चर्चा का विषय बना हुआ है कि गुरुग्राम की सीट किसके खाते में जाएगी. 


गुरुग्राम सीट से बीजेपी के लिए टिकट के दावेदारों की लंबी सूची में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व मौजूदा केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के वफादार और पार्टी के व्यापारी प्रकोष्ठ के राज्य प्रभारी नवीन गोयल भी शामिल हैं. 


सुधीर सिंगला ने हराया था मोहित मदनलाल ग्रोवर को
आपको बता दें कि 2014 में गुरुग्राम विधानसभा से उमेश अग्रवाल ने करीब 84000 वोटो से कांग्रेस के मंत्री रहे सुखबीर कटारिया को हराया था. उसके बाद 2019 में हरियाणा के पूर्व मंत्री रहे सीताराम सिंगला के बेटे सुधीर सिंगला पर बीजेपी ने दांव खेला था. हालांकि सुधीर सिंगला सियासत में बिल्कुल नए थे. बीजेपी की लहर के चलते सुधीर सिंगला ने निर्दलीय प्रत्याशी मोहित मदनलाल ग्रोवर को करीब 50 हजार वोटों से हराया था. 


फिलहाल वर्तमान विधायक वैश्य समाज से ही हैं.  लेकिन फिलहाल पोस्टर वार में कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं और सक्रियता भी दिखाई नहीं दे रही.  इसलिए वैश्य समाज की तरफ से इस बार नए चेहरे पर बीजेपी दांव खेल सकती है. हालांकि पार्षद रहे सुभाष सिंगला भी दावेदारी की इस लड़ाई में कूदते दिखाई दे रहे हैं.


पंजाबी उम्मीदवार पर भी रहेगी नजर
दूसरी तरफ जातिगत समीकरण की बात करें तो गुरुग्राम में पंजाबियों की संख्या सबसे अधिक है जो पिछले एक दशक से अधिकांश बीजेपी का ही वोटर माना जाता है. इस लिहाज से यहां पंजाबी उम्मीदवार पर भी नजर रहेगी. पंजाबी बिरादरी से यहां बाबा स्वामी धर्मदेव,  यशपाल बत्रा और गार्गी कक्कड़ टिकट की दावेदारी में मजबूत माने जा रहे हैं. बीजेपी स्वामी धर्मदेव को विशेष परिस्थितियों में मैदान में उतार सकती है.


बीजेपी से यह लोग है दावेदार
इस बार गुरुग्राम विधानसभा से बीजेपी की टिकट के दावेदार कई लोग हैं. इसमें नवीन गोयल, मुकेश पहलवान, स्वामी धर्मदेव, सुभाष सिंगला, गार्गी कक्कड़, यशपाल बत्रा, जी एल शर्मा, बोधराज सीकरी आदि है. यह सभी लोग वे हैं जब हरियाणा में बीजेपी की सिर्फ दो सीट ही आती थी तब से यह बीजेपी के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं. 


पार्टी ज्वाइन कराकर कर दिए हैं अपने इरादे जाहिर 
इसी तरह अगर ब्राह्मण चेहरे पर बीजेपी दांव लगाना चाहेगी तो जीएल शर्मा और मुकेश पहलवान सक्रियता से लगे हुए हैं. लेकिन बीजेपी का पिछले दस साल का रिकॉर्ड देखा जाए तो वैश्य समाज से ही उम्मीदवार लिया है और अच्छी खासी जीत भी दर्ज की है. हालांकि कांग्रेस पार्टी ने मोहित मदनलाल ग्रोवर  को पार्टी ज्वाइन कराकर एक तरह से अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं.


सुखबीर कटारिया भी ग्रोवर के साथ हैं. ग्रोवर 2019 में निर्दलीय 48 हज़ार से ज्यादा वोट लेकर अपना वजूद साबित कर चुके हैं.ऐसे में अब बीजेपी भी ग्रोवर के मुक़ाबले युवा, मजबूत और समाजसेवी की छवि वाले उम्मीदवार पर ही दांव खेलेगी.


मौजूदा विधायक सुधीर सिंगला की निष्क्रियता वाली छवि से एक बात तो साफ है कि बीजेपी को एक अन्य और नए वैश्य चेहरे पर ही दांव खेलना पड़ेगा. बीजेपी किसी ऐसे चेहरे पर ही विचार करेगी जो अपने दम पर कुछ हजार वोट ले सके और साथ ही पंजाबी और जाट समाज में भी सेंध लगा सके.


गुरुग्राम की सीट पर पंजाबी मतदाता सबसे ज्यादा हैं और दूसरे नंबर पर वैश्य समुदाय है. बीजेपी पिछले दो चुनावों से वैश्य समुदाय को ही टिकट दे रही है और दोनों चुनाव जीते भी हैं. ऐसे में एक बार फिर वैश्य समुदाय के ही मजबूत चेहरे पर बीजेपी की नजर होगी जो संसाधनों के मामले में भी मोहित ग्रोवर के मुक़ाबले बीस साबित हो.


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