Haryana Politics: पंचायतों में विधायकों को 'पावर', अब मनमर्जी से पैसा खर्च नहीं कर पाएंगे सरपंच
Haryana Cabinet Meeting: हरियाणा कैबिनेट की बैठक में पंचायती राज अधिनियन 1995 में संशोधन को मंजूरी दी गई है, जिससे अब विधायक अपनी मर्जी से सरकार की तरफ से दी गई ग्रांट का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे.
Haryana News: हरियाणा सरकार की कैबिनट बैठक में मंगलवार को पंचायती राज अधिनियन 1995 में संशोधन को मंजूरी दे दी गई है. अब ग्राम पंचायतों में भी विधायकों की 'पावर' बढ़ने वाली है. सरपंच अब सरकार ग्रांट का पैसा मनमर्जी से खर्च नहीं कर पाएंगे. अब उन्हें मुख्यालय से मिले आदेशों के आधार पर ही काम करना होगा. बीजेपी विधायकों की तरफ से विधानसभा से लेकर पार्टी मंच तक काम ना होने की शिकायत की गई. अब सरकार उनकी सिफारिशें मानने वाली है.
विधायक करते थे शिकायत
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि अब विधायकों की सिफारिश पर राज्य सरकार की तरफ से दी गई ग्रांट पर काम कराना होगा. सीएम खट्टर ने कहा कि विधायक कहते थे सारी पावर पंचायतों को दे दी है. अब राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायत, जिला परिषद, पंचायत समिति सरकारी की तरफ से जारी की गई ग्रांट राशि का उपयोग राज्य सरकार की तरफ से सौंपे गए विशेष उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ही किया जाएगा. यानि सीधे तौर पर अब ग्राम पंचायतें सरकार की तरफ से जारी की गई ग्रांट राशि का अपनी मनमर्जी से उपयोग नहीं कर पाएगी.
अब तक क्या है व्यवस्था?
अब तक ग्राम पंचायतों के पास गांव में काम करवाने की पावर है. काम के लिए ग्रामों पंचायतों का प्रस्ताव अनिवार्य है. जिसके बाद वो प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचता है. ग्राम पंचायतें ना केवल खुद की आय से अर्जित बल्कि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से दिए गए फंड का खुद इस्तेमाल करती है. अब ग्राम पंचायतें सिर्फ अपने संसाधनों से अर्जित आय के पैसों का इस्तेमाल खुद कर सकेगी. जैसे-जमीन ठेके पर देकर, दुकानों का किराया, तालाब की बोली और अन्य गतिविधियों से प्राप्त आय का इस्तेमाल ग्राम पंचायतें खुद कर सकेगी. बाकि सरकार की ओर से जारी किए गए फंड के लिए सरकार सिफारिश करेगी.
'ग्राम पंचायतों को दरकिनार कर रही सरकार'
सरकार के इस फैसले को लेकर सरपंच एसोसिएशन के प्रधान रणवीर समैण और प्रवक्ता चंद्रमोहन पाटोलिया का कहना है कि राज्य सरकार ग्राम पंचायतों को दरकिनार कर रही है. ऐसा करने से गांवों में भाईचार टूटेगा और विधायक सिर्फ अपने चहेतो को लाभ पहुंचाएंगे. गांवों में गुटबाजी भी बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक होगी जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी
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