Haryana News: हरियाणा के सिरसा में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय की लगभग 500 छात्राओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखकर वहां के एक प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. उन्होंने उनके निलंबन और हाई कोर्ट के रिटायर जज के नेतृत्व में जांच की मांग की. पत्र की प्रतियां कुलपति अजमेर सिंह मलिक, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, राज्य के गृह मंत्री अनिल विज और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा सहित अन्य को भी भेजी गई हैं.


बाथरूम में ले जाने का आरोप


पत्र में प्रोफेसर पर "गंदी और अश्लील हरकतें" करने का आरोप लगाया गया है. उन पर लड़कियों को अपने कार्यालय में बुलाने, उन्हें बाथरूम में ले जाने और "निजी अंगों को छूने और हमारे साथ अश्लील हरकतें करने" का आरोप है. लड़कियों ने कहा कि जब उन्होंने विरोध किया तो उन्हें 'बहुत बुरे' परिणाम भुगतने की धमकी दी गई. पत्र में दावा किया गया है कि यह "कई महीने से" चल रहा है. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार राजेश कुमार बंसल ने गुमनाम पत्र मिलने की पुष्टि की है.


एनडीटीवी डॉट कॉम के मुताबिक, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. राजेश कुमार बंसल ने कहा कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. उन्होंने कहा, "विश्वविद्यालय की अपनी समिति है जो आरोपों की जांच कर रही है. ये गंभीर आरोप है. चिट्ठी पर कोई नाम नहीं है लेकिन हम इसकी जांच करेंगे."


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नवंबर महीने में स्कूल में सामने आया था ऐसा ही मामला


बता दें कि पिछले साल नवंबर महीने में इसी तरह का मामला हरियाणा के स्कूल में सामने आया था. जींत के एक सरकारी स्कूल की 142 नाबालिग छात्राओं ने प्रिंसिपल पर यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगया था. छात्राओं ने आरोप लगाया था कि प्रिंसिपल ने छह सालों तक उनका यौन उत्पीड़न किया. इस मामले में 390 छात्राओं के बयान दर्ज किए गए थे और 142 मामलों की शिकायतें दर्ज की गई थीं. इस मामले में प्रिंसिपल को गिरफ्ता कर लिया गया था.