Haryana News: हरियाणा कांग्रेस में चल रही गुटबाजी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. कभी हुड्डा खेमे, तो कभी शैलजा और सुरजेवाला खेमें में सभी में सीएम बनने को लेकर आपसी खींचतान देखने को मिल रही है. पिछले दिनों जहां राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला के रोड शो में उनके समर्थकों द्वारा सुरेजवाला को सीएम बनाने की मांग उठाई जा रही थी. अब प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष कुमारी शैलजा सिरसा में शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी में है.
कुमारी शैलजा 30 जुलाई को अपने पुराने गढ़ सिरसा में शक्ति प्रदर्शन करने वाली है. वो अपने विरोधी खेमों को अपनी ताकत का अहसास करवाना चाहती है.
बैठक में लगे थे हुड्डा को सीएम बनाने के नारे
आपको बता दें कि पिछले दिनों चंडीगढ़ में प्रदेश कांग्रेस के नए प्रभारी दीपक बाबरिया ने चार्ज संभालने के बाद कांग्रेस नेताओँ की पहली बार बैठक ली थी. इस दौरान पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के समर्थकों ने उनके भावी सीएम के नारे लगाए थे. जिसके बाद शैलजा के समर्थकों ने भी भावी सीएम के नारे लगाए. नारेबाजी के बाद इस बैठक में काफी गहमागहमी देखी गई थी जिसके बाद कुमारी शैलजा बैठक छोड़कर चली गई थी. हालाकि बैठक से जाने का कारण उन्होंने कुछ और बताया था.
कर्नाटक जीत के बाद सुरजेवाला का बढ़ा कद
कर्नाटक में कांग्रेस की बड़ी जीत के बाद राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला का कद और बढ़ गया है. कर्नाटक जीत के बाद जब पहली बार सुरजेवाला जब हरियाणा पहुंचे तो उन्होंने कैथल में रोड शो के जरिए शक्ति प्रदर्शन किया. इस दौरान उनके कार्यकर्ता डीजे पर गाने के जरिए उन्हें कांग्रेस से अगला सीएम बनाने की मांग करते दिखाई दिए.
सिरसा में रैली करना शैलजा के लिए क्यों है खास
पिछले दिनों बीजेपी के तरफ से सिरसा में एक बड़ी रैली की गई थी. जिसमें देश के गृह मंत्री अमित शाह ने संबोधित किया था. सिरसा में अब कांग्रेस की बड़ी रैली कर शैलजा पार्टी आलाकमान का ध्यान अपनी ओर खींचना चाहती है. शैलजा सिरसा लोकसभा क्षेत्र की 9 सीटों पर पैठ बनाना चाहती है ताकि आने वाले विधानसभा चुनावों में अपने समर्थकों को टिकट दिलवा सके. शैलजा के पिता दलबीर सिंह सिरसा संसदीय सीट से चार बार सांसद रह चुके हैं. यही नहीं खुद कुमारी शैलजा ने भी 1991 और 1996 का लोकसभा चुनाव सिरसा से ही जीता था.