Chandigarh: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के अभियान के तहत हरियाणा ने देश का पहला टीबी मुक्त राज्य बनने का लक्ष्य रखा है. खट्टर ने स्वास्थ्य विभाग और निजी चिकित्सा संस्थानों के अधिकारियों के साथ यहांं हुई बैठक में कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य में टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जिसके तहत सरकारी और निजी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थान और डॉक्टर हरियाणा को टीबी मुक्त बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे.


सीएम ने एकीकृत डाटा तैयार करने का दिया निर्देश


मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को टीबी के मरीजों का इलाज करने वाले सभी निजी क्लीनिकों और नर्सिंग होम के साथ समन्वय स्थापित कर डाटा को एकीकृत करने के निर्देश दिए ताकि राज्य में ऐसे सभी मरीजों का रियल टाइम डाटा उपलब्ध हो सके और समय पर उपचार सुनिश्चित किया जा सके.खट्टर ने टीबी रोगियों का पता लगाने के लिए प्रत्येक जिले में मोबाइल यूनिट तैनात करने के भी निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा को टीबी मुक्त बनाने के लिए कई पहल किए जा रहे हैं. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि टीबी के रोगियों का समय पर पता लगाने, उनका इलाज सुनिश्चित करने और उन्हें छह महीने की उपचार अवधि के दौरान पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं.


डॉ नरेश त्रेहान ने भी वर्चुअल रूप से लिया भाग 


खट्टर ने अधिकारियों को राज्य में इंटरफेरॉन गामा रिलीज असे (आईजीआरए) प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाने का भी निर्देश दिया. IGRA जांच एक रक्त परीक्षण है जिसका उपयोग यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि क्या कोई व्यक्ति टीबी के बैक्टीरिया के संपर्क में आया है. मेदांता अस्पताल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ नरेश त्रेहान ने भी वर्चुअल रूप से इस बैठक में भाग लिया, उन्होंने बताया कि मेडिकल फेसिलिटी टीबी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम कर रही है.


चेकअप के दौरान निकले हैें कई टीबी के मरीज


मेदांता की ओर से डिजिटल एक्स-रे और सीबी नेट मशीन से लैस छह मोबाइल वैन जिलों में स्वास्थ्य जांच के लिए जा रही हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इन वैन की संख्या बढ़ाई जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने निरोगी हरियाणा योजना शुरू की है, जिसके तहत प्रथम चरण में 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है. अब तक दो लाख लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है. इन चेकअप के दौरान कई टीबी के मरीज भी निकले हैं. इसलिए निरोगी हरियाणा योजना को शहरों में भी लागू करने के साथ जमीनी स्तर पर तेजी से क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए. 


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