Haryana News: ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे सरपंचों को CM खट्टर की फटकार, बोले- 'अब नहीं चलने वाली मनमानी'
CM खट्टर ने ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे सरपंचों को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि गांवों के विकास कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए इसे लागू किया गया है. सरकार सरपंचों के फंड में कोई कलम नहीं चलाएगी.
Haryana News: हरियाणा में सरपंचों द्वारा लंबे समय से विरोध किया जा रहा है. ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे सरपंचों को अब प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दो टूक जवाब दिया है. सीएम खट्टर ने कहा कि किसी की मनमानी नहीं चलने वाली है. सीएम ने कहा कि हमने ई-टेंडरिंग को लागू कर सरपंचों की पावर बढ़ाई है. अब सरकार सरपंचों के फंड में कोई कलम नहीं चलाएगी. सीएम खट्टर भिवानी की चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी के साइंस कनक्लेव में पहुंचे थे इस दौरान सीएम ने सरपंचों के विरोध को लेकर बयान दिया.
‘ई-टेंडरिंग के जरिए आएगी पारदर्शिता’
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि ई-टेंडरिंग को गांवों के विकास कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए लागू किया गया है. जिसे जनता ने स्वीकार भी कर लिया है. सीएम ने कहा कि अब ये नहीं चलेगा कोई किसी से कुछ नहीं ले और किसी को कुछ भी दे. सीएम ने कुछ दिन पहले ई-टेंडरिंग के नाम पर प्रदेश के नेताओं पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया था. वही सीएम ने बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में भी हिस्सा लिया इसको लेकर उन्होंने कहा कि 2024 के चुनावों की तैयारियों के लिए बैठके की जा रही है.
साइंस कनक्लेव में शामिल हुए सीएम खट्टर
चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी के साइंस कनक्लेव में पहुंचे सीएम मनोहर लाल खट्टर ने नए शैक्षणिक खंड रखी और स्वामी विवेकानंद की एक प्रतिमा का अनावरण भी किया. साइंस कनक्लेव को संबोधित करते हुए सीएम खट्टर ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में विज्ञान का बड़ा योगदान है. इस दौरान सीएम ने विज्ञान रत्न की राशि को 2 लाख से बढ़ाकर 4 लाख किए जाने की घोषणा की.
राष्ट्र निर्माण में वैज्ञानिकों का बड़ा योगदान
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि राष्ट्र के निर्माण वैज्ञानिकों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. विज्ञान के बिना कोई भी देश आगे नहीं बढ़ सकता. उन्होंने कहा कि हमारे देश में पहले वैज्ञानिकों को इतना महत्व नहीं दिया जाता था. लेकिन जब कोरोना आया उस समय सभी यही मान रहे थे इसका भारत पर ज्यादा असर पड़ने वाला है लेकिन पीएम मोदी ने कहने पर वैज्ञानिकों ने जब वैक्सीन बनाई तो उससे पूरे देश के लोगों को फायदा मिला. फिर भारत ने दूसरे देशों को वैक्सीन देकर मानव कल्याण की एक मिशाल कायम की.
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