हरियाणा के CM मांगेगे माफी? अरदास में बिना सिर ढके खड़े हो गए मनोहर लाल खट्टर
फरीदाबाद के बाबा बंदा बहादुर चैरिटेबल अस्पताल की नींव का पत्थर रखने के दौरान हुई अरदास में सीएम मनोहर लाल खट्टर बिना सिर ढके खड़े हो गए इसको लेकर वो सिख समुदाय के निशाने पर आ गए है.
Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के लिए एक नई परेशानी खड़ी हो गई है. सिख समाज द्वारा उनपर धार्मिक मर्यादा का उल्लंघन करने का आरोप लगाया जा रहा है. SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने सिख अरदास में सीएम खट्टर के नंगे सिर खड़े होने पर आपत्ति जताई है और इसे धार्मिक मर्यादा का उल्लंघन बताते हुए कहा है कि सीएम ने सिखों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. SGPC प्रधान धामी का कहना है कि एक सीएम द्वारा जानबूझकर सिखों की भावनाएं आहत करना दुर्भाग्यपूर्ण है.
अरदास में बिना सिर ढके खड़े हुए सीएम
दरअसल, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर 10 फरवरी को फरीदाबाद के बाबा बंदा बहादुर चैरिटेबल अस्पताल की नींव का पत्थर रखने के लिए गए थे. जिसका एक वीडियो सामने आया है. इस दौरान अरदास की गई तो वो बिना सिर ढके खड़े हुए दिखाई दिए. इसको लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर घिरते नजर आ रहे है. SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि सिख अरदास की एक मर्यादा होती है. जिसके अनुसार अरदास के समय हर व्यक्ति भगवान और गुरु साहिब के सामने सिर ढ़ककर खड़ा होता है. इस मर्यादा के दौरान कोई अपनी मनमर्जी नहीं कर सकता और किसी को कोई छूट भी नहीं है.
हरियाणा गुरुद्वारा कमेटी पर भी उठाए सवाल
SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि सीएम मनोहर लाल खट्टर खुद पंजाबी मूल से संबंधित है ऐसे में उनको सभी सिख मर्यादाओं की जानकारी है. इसके बावजूद उन्होंने जानबूझकर सिखों की भावनाएं आहत की है. धामी ने हरियाणा गुरुद्वारा कमेटी के जनरल सेक्रेटरी गुरविंदर सिंह धमीजा को लेकर सवाल खड़े किए है उनका कहना है कि धमीजा भी अरदास के समय सीएम खट्टर के साथ खड़े थे ऐसे में उनके द्वारा भी सीएम को सिख मर्यादा के उल्लंघन से ना रोकना बड़े सवाल खड़ा करता है.
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