Haryana Congress Crisis: पार्टी में मची खींचतान के बाद प्रभारी दीपक बाबरिया का एक्शन प्लान, बंद कमरे में नेताओं से की बात
Elections 2024: प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने चंडीगढ़ में 2 दिन कांग्रेसी नेताओं के साथ बैठक की. इस दौरान नेताओं में आपसी गुटबाजी की वजह से एक बार संगठन बनने का रास्ता साफ नहीं हो पाया.
Haryana News: चंडीगढ़ में दो दिन तक चली हरियाणा कांग्रेस की बैठक में फिर एक बार गुटबाजी देखने को मिली. प्रदेश के नए प्रभारी दीपक बाबरिया के सामने भी कांग्रेस नेताओं ने एक दूसरे की टांग-खींचने में कोई कसर नहीं छोड़ी. जिसके बाद बैठक के दूसरे दिन रविवार को दीपक बाबरिया ने बंद कमरे में विधायकों, पूर्व विधायकों व जिलास्तर के नेताओं के साथ अलग-अलग कार्यकर्त्ताओं से मुलाकात की. इस मुलाकात के जरिए बाबरिया ने संगठन की सूची को लेकर नेताओं की नब्ज टटोली. जिसकी रिपोर्ट अब बाबरिया हाईकमान को सौंपने वाले है.
गुटबाजी से लटकी संगठन की लिस्ट
कांग्रेस में गुटबाजी की वजह से एक बार फिर संगठन की लिस्ट लटक गई है. विधायकों, पूर्व विधायकों व जिलास्तर के नेताओं से मिले इनपुट के बाद अब दिल्ली में फीडबैक लेने वाले है. मीडिया रिपोर्टस की माने तो अब कुछ नेताओं को मुलाकात के लिए दिल्ली तलब किया गया है. इन गुटों में एक राय के बाद ही कांग्रेस आलाकमान के पास लटकी संगठन की लिस्ट को नए सिरे से तैयार किया जाएगा.
हरियाणा कांग्रेस में बने 4 गुट
हरियाणा कांग्रेस में अभी 4 गुट बने हुए हैं. पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा और विधायक किरण चौधरी इन नामों की वजह से कांग्रेस 4 गुटों में बंटी हुई है. इसमें सबसे प्रभावी गुट पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का माना जाता है.
हुड्डा सीएम फेस नहीं
इस दो दिवसीय बैठक के दौरान जो सबसे बड़ी बात सामने आई वो है पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस का सीएम फेस नहीं है खुद प्रभारी दीपक बाबरिया ने इस ओर इशारा करते हुए कहा कि सीएम चेहरे के लिए अंतिम फैसला कांग्रेस हाईकमान करने वाला है. वहीं कांग्रेस की बैठक के दौरान हुए हंगामे के बाद बाबरिया ने कहा कि जो भी नेता एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करेगा, उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
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