Doctors on Strike in Haryana: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के आह्वान पर सेक्टर-10 स्थित नागरिक अस्पताल में डॉक्टर्स ने सुबह 9 से 11 बजे तक दो घंटे हड़ताल की. इस दौरान ओपीडी को बंद रखा गया. आपातकालीन सेवाएं बाधित नहीं की गई. ओपीडी बंद होने के कारण मरीज परेशान होते नजर आए.


हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के गुरुग्राम जिला सीनियर वाइस प्रेसिडेंट डा. केशव शर्मा ने कहा कि 26 जून को स्वास्थ्य सचिव सुधीर राजपाल के साथ बैठक में मांगों की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई. सरकार और एचसीएमएस एसोसिएशन के बीच आपसी सहमति के बाद डॉक्टरों ने छह महीने पहले अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था. इसके बावजूद आज तक मानी गई मांगें पूरी नहीं हो पायी हैं.


इस कारण डॉक्टरों में बढ़ी है नाराजगी
स्पेशलिस्ट काडर, पीजी कोर्स के बॉन्ड में कमी, एसएमओ की सीधी भर्ती रोकने और केंद्रीय सरकारी डाक्टरों के समान एसीपी भत्तों की मांग पूरी नहीं होने पर डॉक्टरों में नाराजगी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि छह महीने बाद भी मांगों पर एसएमओ की सीधी भर्ती रोकने और केंद्रीय सरकारी डॉक्टरों के समान एसीपी भत्तों की नहीं होने पर बढ़ी नाराजगी पर स्थिति आज भी जस की तस है.  


वित्त विभाग में पिछले चार महीने से अटका हुआ है प्रस्ताव
हड़ताली डॉक्टर्स ने कहा कि मेडिकल ऑफिसर के 3900 पदों में से 1100, एसएमओ के 636 पदों में से 250 पद और निदेशक के आठ पदों में से पांच पद खाली हैं. सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञों की भारी कमी है. स्पेशलिस्ट कैडर का प्रस्ताव वित्त विभाग में पिछले चार महीने से अटका हुआ है. पीजी बॉन्ड की राशि में कमी का प्रस्ताव भी छह महीने से लंबित है. एमओ से एसएमओ तक के नियमित पदोन्नति की फाइल भी पिछले डेढ़ साल से अटकी है. उन्होंने कहा कि जो डॉक्टर 2002 में एमओ के रूप में शामिल हुए थे, वे अभी भी पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे हैं.


 25 जुलाई के बाद जाएंगे अनिश्चित हड़ताल पर
डॉक्टर क्लास वन अधिकारी बुनियादी मुद्दों जैसे नियमित पदोन्नति, एसीपी, प्रोबेशन क्लीयरेंस आदि के लिए संघर्ष कर रहे हैं. हड़ताली डॉक्टरों ने कहा कि अगर सरकार मांगे नहीं मानती है तो 25 जुलाई के बाद अनिश्चित हड़ताल पर जाएंगे. सोमवार को दो घंटे ओपीडी बंद रहने से सरकारी अस्पताल में आए मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. 


इसीलिए इनको सौंपी है जनसंपर्क की कमान
सुदाम खाड़े दो बार मध्य प्रदेश के कलेक्टर रहे सीहोर और भोपाल की इन्होंने कमान संभाली थी, इसके बाद मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में कमिश्नर के पद पर भी रह चुके है, तत्कालीन शिवराज सरकार में जिस विभाग में यह रहे हैं हमेशा उसकी तारीफ होती रही है इसीलिए इनको जनसंपर्क की कमान सौंपी है.


राजेश यादव की रिपोर्ट.


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