Haryana News: हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी की गठबंधन सरकार के खिलाफ किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. बाढ़ से हुए फसलों के नुकसान के मुआवजे को लेकर अंबाला में किसानों ने धरने का ऐलान कर दिया है. चंडीगढ़ जाने से पहले किसानों को हिरासत में लिए जाने से खफा किसानों ने बड़ा ऐलान किया है. किसानों ने बीजेपी-जेजेपी नेताओं की गांवों में एंट्री बैन करने का ऐलान किया है. किसानों का कहना है कि अगर सरकार के साथ वार्ता सफल नहीं हुई तो 25 अगस्त को एक और बड़ा ऐलान किया जा सकता है.
आज किसानों की सरकार से वार्ता
आपको बता दें कि मंगलवार को किसानों को चंडीगढ़ जाने से पहले ही रोक लिया गया था. किसानों को पुलिस ने चंडीगढ़ जाने से रोकने के लिए हिरासत में ले लिया. बुधवार को प्रशासन से खफा किसानों की बलाना गांव में बैठक हुई. जिसके बाद अंबाला शहर की अनाज मंडी में धरने का ऐलान करते हुए उन्होंने गांवों में बीजेपी-जेजेपी नेताओं की एंट्री बैन करने का भी ऐलान किया. सरकार की तरफ से गुरुवार को किसानों को वार्ता के लिए बुलाया गया है. इस बैठक में बाढ़ मुआवजे के साथ-साथ अन्य कई मुद्दों पर भी चर्चा होगी. किसानों का कहना है कि अगर सरकार ने अपनी मांगे पूरी नहीं की तो 25 अगस्त को किसान बड़ा फैसला ले सकते है.
पंजाब में किसानों का धरना जारी
पंजाब के संगरूर जिले के लौंगोवाल में किसानों का धरना तीसरे दिन भी जारी है. भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां की ओर से संगरूर में रोष मार्च निकाला गया. किसानों का आरोप है कि पुलिस के दम पर सरकार किसानों की आवाज दबाने में लगी है. संगरूर की अनाज मंडी में किसान संगठन उगराहां की रैली को संबोधित करते हुए जगतार कालाझाड़ ने कहा कि केन्द्र सरकार से संबंधित मांगों को लेकर किसान संगठन चंडीगढ़ में धरना देने के लिए जा रहे थे. लेकिन लौंगोवाल में 700 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने किसानों पर अत्याचार किया.
'किसान के परिवार को मिले मुआवजा'
प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि पंजाब सरकार बाढ़ प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की बजाए उनकी मांगों को लटका रही है. वहीं उन्होंने मृतक किसान के परिवार को मुआवजा और उसके परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की.
यह भी पढ़ें: Haryana Weather Today: हरियाणा में फिर एक्टिव हुआ मानसून, तापमान में आई गिरावट, इन 8 जिलों में बारिश का अलर्ट