Haryana Farmers Protest: केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश के कई हिस्सों में साल 2020-2021 में विरोध प्रदर्शन हुआ था. अब एक बार फिर से किसान आंदोलन की तैयारी होती नजर आ रही है, भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ग्रुप चंडीगढ़ में आंदोलन का एलान कर सकता है. इसके साथ ही भारतीय किसान यूनियन ने 24 नवंबर से अंबाला में रेल का चक्का जाम करने का भी एलान कर दिया है.
किसान आंदोलन के दौरान दर्ज हुए 35 केस अभी नहीं हुए रद्द
भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ग्रुप किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज हुए मामलों को वापस लिए जाने की मांग कर रहा है. भाकियू का दावा है कि किसान आंदोलन के दौरान दर्ज हुए अभी 35 केस रद्द नहीं हुए. बीकेयू ने दावा किया है कि कि सरकार अपने वादे पर खरी नहीं उतरी है और किसानों के खिलाफ कृषि आंदोलन के दौरान दर्ज हुए केस रद्द नहीं हुए हैं. इसी वजह से भाकियू को किसानों के हितों की रक्षा के लिए आंदोलन करना पड़ेगा.
क्या कहते हैं सरकार के आंकड़े
वहीं किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा सरकार का एक अलग ही जवाब है. किसानों पर प्रदर्शन के दौरान दर्ज हुए केसों को लेकर हरियाणा सरकार का कहना है कि कि अभी तक 294 केस रद्द हो चुके हैं और कुछ केस अभी प्रक्रिया में भी हैं. इसके साथ ही हरियणा सरकार ने दावा किया है कि 164 केसों को सरकार की तरफ से मंजूरी मिल चुकी है.
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का भी समर्थन
वहीं किसान आंदोलन को फिर से शुरू करने को लेकर पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी समर्थन दिया है. इसके साथ ही उन्होंने हरियाणा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हरियाणा में राज्य और केंद्र सरकार जातिवाद फैलाने का काम कर रही है. बता दें कि किसान आंदोलन के दौरान राजधानी दिल्ली में टिकरी, सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने प्रदर्शन करते हुए घेराव किया था.
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