Haryana News: हरियाणा के पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा ने कहा- रणदीप सुरजेवाला को राजस्थान भेजने के पीछे नहीं मेरा हाथ, पार्टी ने लिया फैसला
हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि महासचिव रणदीप सुरजेवाला को राजस्थान भेजने और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा को टिकट न देने के पीछे उनका हाथ नहीं है.
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हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा को टिकट न देने और महासचिव रणदीप सुरजेवाला को राजस्थान भेजने के पीछे उनका हाथ नहीं है. पूर्व सीएम ने कहा कि इस मामले में मेरी कोई भूमिका नहीं है क्योंकि राज्यसभा उम्मीदवारों के नाम बताना पार्टी अध्यक्ष का विशेषाधिकार है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन चुनाव जीतेंगे. कांग्रेस के पास चुनाव जीतने की ताकत है, 31 वोटों की आवश्यकता है और हमारे पास उतने ही विधायक हैं व एक सीट बीजेपी को भी जाएगी.
जब उनसे पूछा गया कि क्या जेजेपी विधायक या निर्दलीय उनके संपर्क में हैं तो उन्होंने कहा हम उनसे बात क्यों करें क्योंकि मुझे इसकी कोई जरूरत नहीं है. वहीं विधायक कुलदीप बिश्नोई के सवाल पर हुड्डा ने दावा किया कि वह कांग्रेस उम्मीदवार को वोट देंगे. जब उनसे उनके खिलाफ एक ट्वीट को रीट्वीट करने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा फतेहाबाद में मेरी रैली में सिर्फ 5,000 लोग शामिल हुए , लेकिन मुझे लगता है कि 5,000 की भीड़ ही काफी है.
इसके साथ ही पूर्व सीएम ने साल 2016 के स्याही विवाद पर कहा कि उन्होंने किसी उम्मीदवार को वोट नहीं दिया है. दूसरों के वोट के बारे में, मुझे नहीं पता कि कलम किसने बदली. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने हरियाणा से जी-23 नेता गुलाम नबी आजाद की उम्मीदवारी को आगे बढ़ाया. इस सवाल पर उन्होंने कहा आजाद एक अनुभवी नेता हैं, उन्होंने मुझसे राज्यसभा के नामांकन के बारे में कभी बात नहीं की क्योंकि वह जानते थे कि सोनिया गांधी को फैसला लेना है.
हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने पर पूर्व सीएम ने कहा साल 2024 में हरियाणा विधानसभा चुनाव तक बीजेपी का जेजेपी के साथ गठबंधन नहीं रह सकता है. यह स्वार्थ पर आधारित है न कि नीतियों पर. बीजेपी-जेजेपी गठबंधन के सत्ता में आने के बाद दो उपचुनाव हुए हैं, एक बड़ौदा में और दूसरा ऐलनाबाद में. बीजेपी को इन दोनों सीटों पर हार मिली है, अगर ऐलनाबाद में सही उम्मीदवार होता तो कांग्रेस जीत जाती.
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