Haryana News: भ्रष्टाचार के एक मामले में हरियाणा सरकार की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई है. हरियाणा सरकार ने कहा कि उसने गबन के दो मामलों में शहरी स्थानीय निकाय विभाग के छह अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. इन अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं.


आधिकारिक बयान के मुताबिक चार साल पहले सीएम विंडो पर अधिकारियों के खिलाफ गबन की दो शिकायतें मिली थीं. इन मामलों की गहन जांच ने गबन के मामलों में इन अधिकारियों की संलिप्तता की पुष्टि की थी.


बयान के मुताबिक 2017 में एक शिकायत मिली जिसमें नूंह में पलाडी रोड से मदर्स प्राइड स्कूल तक एक अस्वीकृत क्षेत्र में मिट्टी के काम के संबंध में वास्तविक 50,000 रुपये के मुकाबले पांच लाख रुपये की बढ़ी हुई लागत होने की बात कही गयी.


शिकायत मिलने के बाद हुई जांच


बयान के अनुसार सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के बिना अनुमानित लागत को संशोधित किया गया था. भुगतान नियमों की पूर्ण अवहेलना की गयी थी क्योंकि कार्य एक अस्वीकृत क्षेत्र में निष्पादित किया गया था. इस मामले में शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच की गयी.


नूंह के उपायुक्त की एक जांच रिपोर्ट में चार अधिकारियों जसमीर, जावेद हुसैन, राजेश दलाल और लखमी चंद राघव के खिलाफ उचित कार्रवाई की सिफारिश की गई.


इसके अलावा 2018 में एक अन्य शिकायत बवानी खेड़ा शहर में 99.73 लाख रुपये की अनुमानित लागत से मुख्य मार्ग पर स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए निविदा आमंत्रित करने में विसंगतियों के संबंध में दर्ज की गयी थी. भिवानी के उपायुक्त ने मामले की जांच के बाद पंकज ढांडा और प्रवीण कुमार के खिलाफ उचित कार्रवाई की सिफारिश की.


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