(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Haryana DA Hike: हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों की लिए खुशखबरी, सरकार ने 4 प्रतिशत बढ़ाया डीए, जानें- कब से होगा लागू?
Haryana DA Hike News: हरियाणा सरकार के वित्त विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, डीए मूल वेतन पर मौजूदा 38 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया गया है. बढ़ा हुआ डीए अप्रैल के वेतन के साथ मिलेगा.
DA Hike In Haryana: हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन ले रहे राज्य के सरकारी कर्मियों का महंगाई भत्ता (डीए) चार प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की है. हरियाणा सरकार के वित्त विभाग की ओर से गुरुवार को जारी आदेश के अनुसार, डीए मूल वेतन पर मौजूदा 38 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया गया है. यह एक जनवरी, 2023 से प्रभावी होगा. आदेश के अनुसार, बढ़ा हुआ डीए अप्रैल के वेतन के साथ मिलेगा और जनवरी से मार्च, 2023 तक का बकाया मई में दिया जाएगा.
वित्त विभाग ने एक अन्य आदेश में कहा कि प्रदेश सरकार ने महंगाई राहत (डीआर) भी चार प्रतिशत बढ़ा दी है, जो सातवें वेतन आयोग के तहत पेंशन/पारिवारिक पेंशन वालों को दी जाती है. आदेश में कहा गया है डीआर भी मौजूदा मूल पेंशन/पारिवारिक पेंशन के 38 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया गया है. यह भी एक जनवरी, 2023 से लागू होगी.
केंद्रीय कर्मचारियों को भी बढ़ा था डीए
इससे पहले 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 70 लाख पेंशनरों के लिए मोदी सरकार ने 24 मार्च को 1 जनवरी, 2023 से पूर्वव्यापी प्रभाव के साथ महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया था. आधिकारिक सूत्रों ने बताया था कि अतिरिक्त किस्त मूल वेतन या पेंशन के 38 प्रतिशत की मौजूदा दर से 4 प्रतिशत की वृद्धि का प्रतिनिधित्व करेगी, ताकि मूल्य वृद्धि की भरपाई की जा सके.
कैसी की जाती है डीए की गणना?
सूत्रों ने कहा था कि कैबिनेट ने 1 जनवरी, 2023 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को डीए की अतिरिक्त किस्त और पेंशनरों को डीआरए जारी करने की मंजूरी दे दी है. सूत्रों ने कहा था कि डीए और डीआर दोनों के कारण सरकारी खजाने पर संयुक्त प्रभाव 12,815.60 करोड़ रुपये प्रति वर्ष होगा. यह बढ़ोतरी स्वीकृत फॉर्मूले के अनुसार है, जो 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित है. डीए की गणना औद्योगिक श्रमिकों के लिए नवीनतम उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के अनुसार की जाती है. इसे साल में दो बार समय-समय पर संशोधित किया जाता है. पिछली बार सितंबर 2022 में संशोधित किया गया था और 1 जुलाई, 2022 से पूर्वव्यापी रूप से प्रभावी था.
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