Haryana News: हरियाणा में गायों के संरक्षण और उनकी देखभाल के लिए सरकार द्वारा कई कार्यक्रम और योजनाएं चलाई जा रही है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गोवंश की सुरक्षा और उनके संवर्धन के लिए अपने पहले कार्यकाल के दौरान ही गोसेवा आयोग का गठन कर दिया था. इस आयोग के माध्यम से सरकार द्वारा 600 पंजीकृत गोशालाओं को आर्थिक मदद भेजी जाती है. आर्थिक मदद के तौर पर एक गाय को एक दिन के हिसाब से 2.73 रुपए सरकार की तरफ से दिए जा रहे है.


600 पंजीकृत गोशालाओं को मदद देती है सरकार
लेकिन इन गायों के पास जो पैसा पहुंच रहा है वो केवल 83 से 58 पैसे ही है और पैसों से गौशाला संचालकों को गायों के रहने से लेकर उनके खाने और इलाज का खर्च उठाना पड़ रहा है. गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्रवण कुमार गर्ग का कहना है कि 600 पंजीकृत गोशालाओं में करीब 5 पांच गायें है. इस हिसाब से करीब हर साल सरकार की तरफ से 50 करोड़ रुपए इन पंजीकृत गोशालाओं को दिए जाते है.  


गोशालाओं की तरफ से की गई मांग
हिसार जिले के बालसमंद गोशाला के प्रधान अनिल दत्त का कहना है कि प्रदेश की इन पंजीकृत गोशालाओं में गोवंशों की संख्या 16.50 लाख से ज्यादा है. इस वजह से गायों के हिस्से में 83 से 85 पैसे ही आते है. गायों के संरक्षण और भरण पोषण के हिसाब से सरकार से मिलने वाली आर्थिक मदद बहुत कम है. गोशाल की एक गाय के एक दिन का खर्च 130 से 150 रुपए रोजाना हो जाता है.


सरकार को प्रति गाय के हिसाब से 100 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से आर्थिक मदद देनी चाहिए. वही सिरसा की श्री गोशाला के महासचिव प्रेम कुमार कंदोई का कहना है कि गाय एक दिन में करीब 10 से 13 किलो चारा खाती है. इस चारे में घास, तूड़ी, ज्वार और दालों के छिलके मिलाए जाते है, इस हिसाब से एक गाय के एक दिन के खाने का खर्च 180 रुपए के करीब आता है.  


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