Hisar news: हिसार जिले के नारनौंद अनुमंडल के खीरी जलाब गांव में किसान अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए हैं. धरने पर बैठे किसानों ने आज से अनशन शुरू कर दिया है. जिन किसानों की फसल नष्ट हो जाती है, उन किसानों के लिए हरियाणा सरकार विशेष गिरदावरी स्कीम के तहत मुआवजा देती है. लेकिन हिसार में कपास बोने वाले किसानों को अबतक मुआवजा नहीं मिला है. इसलिए यहां किसान सरकार का विरोध कर रहे हैं.
18 गांवों के किसान चौबीसों घंटे धरना दे रहे
करीब 18 गांवों के किसान गांव में चौबीसों घंटे धरना दे रहे हैं. इन किसानों ने आरोप लगाया कि उन्हें सरकार द्वारा अभा तक कोई मुआवजा नहीं दिया गया है, क्योंकि विशेष गिरदावरी की रिपोर्ट में खरीफ फसलों को 25 प्रतिशत से कम नुकसान दिखाया गया है, जो मुआवजे के लिए योग्य नहीं है. धरने के पहले दिन किसान राजकुमार, रणधीर, सतपाल, रघबीर और जोगीराम भूख हड़ताल पर बैठे गए हैं.
फसलों को बाढ़ और गुलाबी मौसम से भारी नुकसान
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि 2021 में खरीफ फसलों को बाढ़ और गुलाबी मौसम के कारण भारी नुकसान हुआ था. जबकि कई किसानों ने अपनी खड़ी कपास की फसल को भी नष्ट कर दिया था. किसानों ने संयुक्त रूप से खीरी जलाब गांव स्थित तहसील कार्यालय में आंदोलन किया और 16 मार्च को कार्यालय का धेराव किया था. साथ ही किसानों ने विभिन्न क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे के आवंटन में भेदभाव का आरोप लगाया.
किसान नेता सुरेश खोठ ने कहा कि तहसील कार्यालय में किसानों के धरने के बावजूद, सरकारी अधिकारियों ने किसानों के मुद्दों पर अभी तक ध्यान नहीं दिया है.
सत्ताधारी नेता का किसानों के साथ भेदभाव- किसान नेता
सुरेश खोठ ने कहा, "मुझे पता चला है कि जिन किसानों की खरीफ की फसल बर्बाद हुई है सत्तारुढ़ दल के नेता किसानों को मुआवजा देने में आनाकानी कर रहे हैं. यह सत्ताधारी राजनेताओं का किसानों के साथ स्पष्ट खुला भेदभाव है. हमने जजपा के स्थानीय विधायक रामकुमार गौतम का विरोध किया, जिसके बाद उन्हें विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने के लिए मजबूर किया गया. उन्होंने कहा कि वे अगले कुछ दिनों में आंदोलन तेज करेंगे." आंदोलन को कांग्रेस, इनेलो और आप सहित विपक्षी पार्टी के नेताओं ने भी अपना समर्थन दिया है.
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